सुनिये वित्तमंत्री जी, लघु उद्योगों की ग्रोथ तय करेगी देश की अर्थव्यस्था
देश का औद्योगिक ढांचा लघु उद्योग से नियोजित है। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की सबसे अधिक मार इन्हीं उद्योगों पर पड़ी जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखा। उद्यमियों को आशा है कि केंद्र लघु उद्योगों के लिए सस्ती दरों पर कच्चा माल उपलब्ध करवाने का रोडमैप तैयार करेगी
जागरण संवाददाता, देहरादून। देश का औद्योगिक ढांचा लघु उद्योग से नियोजित है। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की सबसे अधिक मार इन्हीं उद्योगों पर पड़ी, जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखा। अब बजट से उद्यमियों को आशा है कि केंद्र सरकार लघु उद्योगों के लिए सस्ती दरों पर कच्चा माल उपलब्ध करवाने का रोडमैप तैयार करेगी, ताकि छोटे उद्योग फिर से पटरी पर लौट सकें।
लघु उद्योग भारती देश का एक मात्र अखिल भारतीय संगठन है। जिससे देशभर के लाखों छोटे उद्योग जुड़े हैं। लघु उद्योग भारती उत्तराखंड से करीब पांच सौ उद्योग पंजीकृत हैं। इन उद्योगों में मार्च 2020 के बाद से अभी तक शत-प्रतिशत उत्पादन नहीं हो पा रहा है। कोविड गाइडलाइन के अनुसार आज भी इन उद्योगों में 50 से 60 फीसद तक ही उत्पादन किया जा रहा है। उत्पादन घटने से न केवल रोजगार पर विपरीत असर पड़ है, बाजार में भी पर्याप्त सामान उपलब्ध नहीं है। लघु उद्योगों के समक्ष सबसे बड़ी दिक्कत कोविड काल में कच्चे माल की कमी है।
लॉकडाउन के बाद जब सरकार ने सभी तरह के उद्योगों को खोलने की अनुमति दी तो सबसे अधिक रोजगार फार्मास्यूटिकल, प्लास्टिक व पेपर मिलों में मिला, लेकिन कुछ समय के भीतर ही इन उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की कीमतों में 30 फीसद की बढ़ोत्तरी हो गई। जिससे इन उद्योगों ने अपने उत्पादन को कम कर दिया है। लघु उद्योग भारती उत्तराखंड के प्रांत अध्यक्ष कैलाश मेलाना ने बताया कि कुछ समय पहले आरएसएस के प्रांत प्रमुख सहित लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के उद्योग मंत्रालय के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद किया।
अधिकारियों को लघु उद्योगों की समस्याओं से अवगत करवाया। यह भी जानकारी दी गई कि कुछ बड़े औद्योगिक घराने अपनी मनमर्जी से कारोबार को प्रभावित कर रहे हैं। पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण ये उद्योग तंगहाली में दोबारा खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें महंगी दरों पर कच्चा माल मिल रहा है।
प्रदेश में लघु उद्योग भारती की स्थिति
- उद्योगों की संख्या 493,
- निवेश: पचास हजार करोड़,
- रोजगार: करीब 60 हजार
- क्षेत्र: सेलाकुई, सहसपुर, पटेलनगर, डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार, भगवानपुर, सितारगंज, काशीपुर, सितारगंज, रुद्रपुर।
लघु उद्योग भारती उत्तराखंड के प्रांत महामंत्री विजय तोमर का कहना है कि लघु उद्योग भारती उत्तराखंड को आम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। महामारी के कारण लघु उद्योग घाटे से अभी तक उबर नहीं पाए हैं। इन उद्योगों को कच्चा माल महंगा मिल रहा है। केंद्र सरकार को बजट में लघु उद्योगों के विकास के लिए बड़े स्तर पर सुधार कार्यक्रमों की घोषणा करनी चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था में लघु उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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