उत्तराखंड के 11 महाविद्यालय में होंगी ई-लाइब्रेरी, पहले चरण में यहां खुलेंगी
उत्तराखंड के 11 महाविद्यालयों में ई-लाइब्रेरी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद अन्य महाविद्यालयों में भी ई-लाइब्रेरी खोलने की योजना है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश सरकार राज्य के महाविद्यालयों में ई-लाइब्रेरी शुरू करने की तैयारी में है। पहले चरण में पिथौरागढ़, रानीखेत, खटीमा, चंपावत, कर्णप्रयाग, जखोली, चौबटियाखाल, नई टिहरी, बड़कोट, डोईवाला और लक्सर डिग्री कॉलेज समेत 11 महाविद्यालयों में ई-लाइब्रेरी खोलने पर सहमति बनी है। इसके बाद अन्य महाविद्यालयों में भी ई-लाइब्रेरी खोलने की योजना है। यह बात उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह ने दून विवि परिसर में आयोजित पुस्तक दान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
दून विवि में रूसा की ओर से शुक्रवार को आयोजित पुस्तक दान समारोह का शुभारंभ डॉ. धन सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि उपरोक्त महाविद्यालयों को ई-लाइब्रेरी के लिए चार लाख रुपये जारी किए जाएंगे। शहर के अन्य छोटे कॉलेजों को भी इन कॉलेजों से जोड़ा जाएगा। साथ ही छोटे कॉलेजों को दो से तीन लाख रुपये लाइब्रेरी के लिए दिए जाएंगे। इस मौके पर उन्होंने गढ़वाल मंडल से पहुंचे पांच सरकारी महाविद्यालय कमांद, पाबौ, ब्रह्मखाल, गुप्तकाशी और नंदासैंण के प्राचार्यों को 1042 पुस्तकें भेंट की।
उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर कमेटी गठित होगी जो प्रदेश के चार हजार से अधिक छात्र संख्या वाले कॉलेजों में जाएगी, कमेटी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी का पता करेगी। इसके बाद तुरंत इन कॉलेजों में प्राथमिकता से शिक्षकों की कमी पूरी की जाएगी। कहा कि प्रदेश के जिन डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के अतिरिक्त पद हैं, इन पदों को खत्म किया जाएगा। इसकी समीक्षा की जिम्मेदारी भी इसी कमेटी को दी जाएगी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से नए शिक्षकों की तैनातियां नहीं होने तक 500 रुपये पीरियड के हिसाब से पढ़ा रहे शिक्षकों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से 877 पदों पर शिक्षक भर्ती हो रही है। इन शिक्षकों को अनिवार्य रूप से पांच सालों तक दूरस्थ कॉलेजों में अपनी सेवाएं देनी होंगी। इस मौके पर दून विवि के कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल, रूसा के सलाहकार डॉ. एसएस रावत आदि मौजूद रहे।
छात्र आंदोलन पर उठाया सवाल
पिथौरागढ़ में पुस्तकों और शिक्षकों की कमी को लेकर चल रहे छात्र आंदोलन पर डॉ. धन सिंह रावत ने सवाल उठाए। कहा कि पिथौरागढ़ डिग्री कॉलेज में पहले ही एक लाख से ज्यादा किताबें मौजूद हैं। ऐसे में छात्र केवल छात्रसंघ चुनाव में अपनी राजनीति चमकाने के लिए यह आंदोलन चला रहे हैं। वहां के निवासियों और अभिभावकों को कॉलेज में जाकर वहां का पुस्तकालय देखना चाहिए। कॉलेज में ई-लाइब्रेरी खोलने पर सहमति बन गई है। इससे वहां के छात्र दुनिया भर की किताबों की पढ़ाई कर सकेंगे।
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