ई-ग्रंथालय से जुड़ेंगे राज्य के 72 सरकारी डिग्री कॉलेज
सरकारी डिग्री कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी। ई-लाइब्रेरी की दिशा में शुरू हुई कोशिशों की बदौलत उन्हें केंद्र सरकार की ई-ग्रंथालय यानी इंटरनेट पर मौजूद विशाल लाइब्रेरी से जुड़ने का मौका मिलने जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
सरकारी डिग्री कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी। ई-लाइब्रेरी की दिशा में शुरू हुई कोशिशों की बदौलत उन्हें केंद्र सरकार की 'ई-ग्रंथालय' यानी इंटरनेट पर मौजूद विशाल लाइब्रेरी से जुड़ने का मौका मिलने जा रहा है। इससे बड़ा फायदा दूरदराज के कॉलेजों में पढ़ रहे सैकड़ों छात्र-छात्राओं को होगा। उच्च शिक्षा महकमे ने 104 में से इच्छुक करीब 72 कॉलेजों की सूची शासन को मुहैया करा दी है। ये सूची एनआइसी को भेजी गई है। शासन ने एनआइसी को कॉलेजों को ई-ग्रंथालय से जोड़ने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में बड़ी संख्या में सरकारी डिग्री कॉलेज लाइब्रेरी के नाम पर सिर्फ खानापूरी कर रहे हैं। बड़े डिग्री कॉलेजों के पास भी ऐसी लाइब्रेरी की जरूरत महसूस की जा रही है, जहां प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के साथ ही शोध के लिए सहायक सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। अब इस कमी को ई-ग्रंथालय की मदद से दूर किया जा रहा है। दरअसल, राज्य सरकार ने ई-लाइब्रेरी योजना शुरू की है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 10 सरकारी डिग्री कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी विकसित की जा रही हैं। इन कॉलेजों को ई-लाइब्रेरी से संबंधित उपकरण दिए जा चुके हैं। कॉलेजों को इंटरनेट कनेक्शन लेने को कहा जा चुका है।
वहीं अब ई-ग्रंथालय से डिग्री कॉलेजों को जोड़ने की मुहिम शुरू की है। इस संबंध में उच्च शिक्षा महकमे और एनआइसी की कार्यशाला हो चुकी है। इसमें केंद्र सरकार की क्लाउड बेस्ड ई-ग्रंथालय योजना से प्रदेश के कॉलेजों को जोड़ने पर सहमति बन चुकी है। ई-ग्रंथालय से जुड़ने के लिए कॉलेज को करीब 22 हजार रुपये देने हैं। उच्च शिक्षा सचिव अशोक कुमार ने बताया कि इस योजना को ई-लाइब्रेरी के साथ वैकल्पिक रूप से लागू किया जा रहा है। रूसा के तहत इस योजना से जुड़ने में प्रदेश के 72 कॉलेजों ने रुचि दिखाई है। कॉलेजों की सूची एनआइसी को भेजी गई है। एनआइसी को कॉलेजों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है।