हिमालय को लेकर दलाई लामा भी चिंतित : डॉ. कृष्ण गोपाल
जागरण संवाददाता, देहरादून: हिमालय विश्व की 400 करोड़ जनसंख्या को जीवन दे रहा है। यह शुद्ध वा
जागरण संवाददाता, देहरादून: हिमालय विश्व की 400 करोड़ जनसंख्या को जीवन दे रहा है। यह शुद्ध वायु, जल एवं औषधि का अपार भंडार है। हिमालय के पर्यावरण से छेड़छाड़ और इसकी जैव विविधता को नुकसान पहुंचाया तो इसके दुष्परिणाम मानव त्रासदी के रूप में देखने पडे़गे। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने शुक्रवार को दून विवि में डॉ. नित्यानंद शोध एवं अध्ययन संस्थान के शिलान्यास मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले मेरी मुलाकात दलाई लामा से हुई तो उन्होंने कहा कि हिमालय बचाने के लिए वे अपनी ओर से समग्र प्रयास करें और हिमालयी राज्यों के लोगों को भी प्रेरित करें। हिमालय रहेगा तो अरबों की जनसंख्या को शुद्ध हवा, पानी इत्यादि मिलता रहेगा। डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हमें हिमालय के घने जंगलों को बचाना होगा। उन्होंने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर चिंता जताते हुए कहा कि फिनलैंड, डेनमार्क और जापान जैसे पहाड़ी क्षेत्रों से घिरे देशों की प्रति व्यक्ति आय आज दुनिया के अग्रणी देशों की श्रेणी में है। जबकि, उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति समान होने के बावजूद लोग गांवों से पलायन को मजबूर हैं।
हिमालयन विज्ञान महोत्सव तीन मई से: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत ने ऐलान किया कि विज्ञान भारती की ओर से हिमालयन विज्ञान महोत्सव-2018 का आयोजन तीन से छह मई 2018 तक ओएनजीसी परिसर में किया जाएगा। इसके लिए उद्यमिता और ग्राम विकास का वैज्ञानिक आधार पर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमालयन विज्ञान महोत्सव से संबंधित विवरणिका का विमोचन भी किया।
ये गणमान्य अतिथि रहे मौजूद
विधायक खजान दास, विनोद चमोली, हरबंस कंपूर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विश्व ¨हदू परिषद से दिनेश चंद, भाजपा नेता विनय गोयल, सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव डॉ. रणबीर सिंह, लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी, यूसैक के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट, कुलपति दून विवि डॉ. सीएस नौटियाल, यूटीयू के कुलपति डॉ. यूएस रावत, एसजीआरआर विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी, डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन, डीबीएस के प्राचार्य डॉ. ओपी कुलश्रेष्ठ आदि मौजूद रहे।