वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या के बीच है रोजगार की चुनौती : डॉ. कमल टावरी
पूर्व सचिव व अतिरिक्त सोच कार्य नियोजन आयोग के अध्यक्ष डॉ. कमल टावरी ने कहा कि वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या के बीच रोजगार की चुनौती है। बेरोजगारों को स्वालंबी बनाने के लिए पर्यावरण पूरक धंधों को संभावनाएं खोजने व बढ़ाने का समय आ गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। पूर्व सचिव व अतिरिक्त सोच कार्य नियोजन आयोग के अध्यक्ष डॉ. कमल टावरी ने कहा कि वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या के बीच रोजगार की चुनौती है। बेरोजगारों को स्वालंबी बनाने के लिए पर्यावरण पूरक धंधों को संभावनाएं, खोजने व बढ़ाने का समय आ गया है। उत्तराखंड में आज भी कई ऐसे अपवाद हैं जो बिना सरकारी मदद से सरकारी मॉडल की तरह मॉडल स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जर्मनी की कंपनी के सहयोग से उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों में व्यक्तियों को जागरूक कर स्वरोजगार के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें बगैर सरकार की मदद लिए गांव गांव तक इस अभियान में व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा।
ग्राम स्वराज के लिए उत्तराखंड में व्यवसाय बढ़ाने पर कार्य किया जाएगा। निराशा के बजाए विकल्प ढूंढ़ने पर जोर देना चाहिए, जिससे कुछ नया मॉडल बनाए जा सके। इंटरनेशल इंस्टिट्यूट फ़ॉर होलस्टीर रिसर्च एंड वोलेंट्री एक्सल की अध्यक्ष इमी मारला ने कहा कि 40 साल से भारत में हूँ, यहां मुझे घर जैसा माहौल देखने को मिलता है। लेकिन, पर्यावरण को बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे आना होगा। आजकल प्लास्टिक से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है, ऐसे में छोटी छोटी कोशिश कर हम बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगा सकते हैं।
प्लास्टिक वाली पानी की बोतल की जगह यदि हम अपने बैग में मग, कप आदि लेकर चलें तो इसको उपयोग में ला सकते हैं। अभियान में पर्यावरण पूरक धंधे स्वाभिमानी, स्वालंबी, ग्रामीण विकेंद्रीत प्रवर्तन बनिए का संदेश देने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान दो पुस्तक 'उत्तराखंड हिमालय में आशा की किरण' और 'पानी के माध्यम से समग्र विकास' का विमोचन किया। इस मौके पर डॉ. मोहन सिंह रावत 'गांववासी', भोपाल सिंह चौधरी, रविन चौधरी, स्वामी भास्करानंद, आदि मौजूद रहे।