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राज्य को जल्द मिलेगा वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार

विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड को विभिन्न विकास योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार जल्द मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 10:41 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 10:41 PM (IST)
राज्य को जल्द मिलेगा वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार
राज्य को जल्द मिलेगा वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड को विभिन्न विकास योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार जल्द मिलेगा। वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हर्षव‌र्द्धन से मुलाकात कर राज्य को पूर्व में मिले इस अधिकार की समय सीमा समाप्त होने के कारण आ रही दिक्कतों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया। डॉ.रावत के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि हफ्तेभर में इस मसले का निराकरण कर दिया जाएगा।

राज्य को विभिन्न विकास योजनाओं के लिए एक हेक्टेयर तक वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति निर्गत करने के अधिकार की समय सीमा 31 दिसंबर 2018 को खत्म हो गई थी। इससे पहले जून 2013 में आई आपदा के बाद पांच हेक्टेयर तक के प्रकरणों में भी स्वीकृति का अधिकार राज्य को मिला था, जिसकी अवधि नवंबर 2016 में खत्म हो गई थी।

अब एक हेक्टेयर का अधिकार भी खत्म होने से राज्य के सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं। हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित अधिकार की समय सीमा बढ़ाने का केंद्र से आग्रह किया था। इस कड़ी में वन मंत्री डॉ.रावत ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री हर्षव‌र्द्धन से इस समेत अन्य मसलों को लेकर चर्चा की।

डॉ.रावत ने बताया कि उन्होंने पांच हेक्टेयर तक का अधिकार 10 साल तक के लिए राज्य को देने की पुरजोर पैरवी की। उन्होंने बताया कि वन भूमि हस्तांतरण के संबंध में विधिक विभाग ने कुछ आपत्तियां जताई थीं। अब इसका निराकरण कर लिया गया है। हफ्तेभर के भीतर इस बारे में निर्णय ले लिया जाएगा।

पाखरो टूरिस्ट जोन का जल्द हो गठन

वन मंत्री के अनुसार उन्होंने कार्बेट नेशनल पार्क के लिए कोटद्वार गेट के मद्देनजर पाखरो इको टूरिज्म जोन का शीघ्र गठन करने के साथ ही इस पर जिप्सी सफारी के संचालन की स्वीकृति दिलाने का आग्रह भी किया। उन्होंने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को बताया कि इस जोन के गठन और जिप्सी सफारी संचालन के सिलसिले में एनटीसीए की टीम मई 2018 में निरीक्षण भी कर चुकी है। यह प्रस्ताव लंबित है। केंद्रीय मंत्री ने इस मसले के भी शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया।

कण्वाश्रम में रेसक्यू सेंटर को मिलेगी मंजूरी

वन मंत्री ने कोटद्वार में कण्वाश्रम स्थित मृग विहार को रेसक्यू सेंटर के रूप में स्थापित करने संबंधी केंद्र को पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव के संबंध में भी डॉ.हर्षव‌र्द्धन से चर्चा की।


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