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स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बोले - एनएबीएच मान्यता की तैयारी करें सरकारी अस्पताल, निगरानी के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राजकीय अस्पतालों को एनएबीएच की मान्यता के लिए आवेदन करना होगा। अ अस्पतालों में एनएबीएच मापदंडों की निगरानी के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है। ।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 08:03 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 08:03 PM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बोले - एनएबीएच मान्यता की तैयारी करें सरकारी अस्पताल, निगरानी के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राजकीय अस्पतालों को एनएबीएच की मान्यता के लिए आवेदन करना होगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फार हास्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) के मानकों को पूरा करने के लिए जुटना होगा। इसकी निगरानी के लिए प्रदेश स्तर पर स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति चिकित्सालयों का भ्रमण कर संबंधित मानकों का स्थलीय निरीक्षण करेगी और अस्पतालों में तय मानकों में कमी पाए जाने पर अपने सुझाव देगी।

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स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राजकीय अस्पतालों को एनएबीएच की मान्यता के लिए आवेदन करना होगा। अस्पतालों को एनएबीएच के मानक पूरा करने के लिए तैयारी करने को कहा गया है। डा. रावत ने बताया कि अस्पतालों में एनएबीएच मापदंडों की निगरानी के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है। जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट करेंगी।

निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथानी, संयुक्त निदेशक नियोजन डा. राजेंद्र प्रसाद खंडूड़ी, संयुक्त निदेशक प्रशासन डा. कैलाश जोशी, सहायक निदेशक पैरामेडिकल डा. जेएस चुफाल, सहायक निदेशक कोविड सेल डा, गरिमा पंत, आहरण वितरण अधिकारी शैलेंद्र सिंह और अपर परियोजना निदेशक रेडक्रास डा. अमित शुक्ला को समिति में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

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यह समिति प्रथम चरण में जिला एवं उप जिला चिकित्सालयों का भ्रमण करेगी। डा. रावत ने बताया कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। एनएबीएच एक्रिडेशन के लिए अस्पताल के साधन-संसाधन, आधारभूत सुविधाओं की वैधानिकता, रोगियों का उपचार एवं उनकी सुरक्षा की सुविधाएं, संक्रमण मुक्त वातावरण, उपचार के लिए निर्धारित प्रक्रियाएं, चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व अन्य मेडिकल स्टाफकी पात्रता एवं दक्षता, अस्पताल से संबंधित सभी सरकारी नियम-कानूनों का पालन सहित सभी तथ्यों को जांचा परखा जाएगा। जिसके बाद अस्पताल एनएबीएच मान्यता के लिए आवेदन करेंगे।

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