कोविड कर्फ्यू में ढील नहीं देने पर भड़के व्यापारी, प्रदेश सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
सरकार की ओर से रविवार देर शाम को जारी की गई कोविड कर्फ्यू की एसओपी देखकर व्यापारी भड़क गए हैं। दून उद्योग व्यापार मंडल ने प्रदेश सरकार पर व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने सोमवार को बैठक बुलाई है जिसमें वह अगली रणनीति तय करेंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकार की ओर से रविवार देर शाम को जारी की गई कोविड कर्फ्यू की एसओपी देखकर व्यापारी भड़क गए हैं। दून उद्योग व्यापार मंडल ने प्रदेश सरकार पर व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने सोमवार को बैठक बुलाई है, जिसमें वह अगली रणनीति तय करेंगे।
दून व्यापार मंडल के महामंत्री सुनील मैसोन ने इंटरनेट मीडिया में जारी बयान में कहा कि सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन को लेकर बैठक में विचार होगा। दून महानगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कोविड कर्फ्यू 15 जून तक बढ़ाने और इस दौरान व्यापारियों को नाम मात्र की ढील देने पर निराशा जताई। कहा कि कोरोना संक्रमण लगातार घट रहा है, मगर बाजार नहीं खोले जा रहे। इससे छोटे व्यापारियों की हालत खराब हो गई है। सरकार व्यापारियों को परिवार समेत सड़क पर आंदोलन करने के लिए बाध्य कर रही है। सोमवार को बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उधर, दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन ने कहा कि कोविड कर्फ्यू में व्यापारियों को अधिक छूट दी जानी चाहिए थी, मगर सरकार का फैसला निराश करने वाला है।
छोटे व्यापारी की, अनदेखी शराब की चिंता
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने रविवार देर शाम जारी की गई एसओपी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार को छोटे व्यापारियों की चिंता नहीं है, सरकार को चिंता सिर्फ शराब बेचने की है। कहा कि अगर कोरोना जीवनभर खत्म नहीं होगा तो क्या कफ्यरू इसी तरह से चलता रहेगा। सरकार को कर्फ्यू के बारे में फिर से विचार करना चाहिए।
परेशानी को समझे सरकार
उत्तराखंड फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से जन सामान्य के स्वास्थ्य के साथ व्यापारियों की ओर भी ध्यान देने की मांग की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एहतियात जरूरी है, लेकिन व्यापारियों की परेशानियों को भी समझने की जरूरत है। एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक अनिल मारवाह ने रविवार को मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। जिसमें उन्होंने कहा कि लगातार बाजार बंद रखना कोई हल नहीं है। पड़ोसी राज्यों में भी बाजार खुलने लगे हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारी कभी भी सरकार का विरोध करना नहीं चाहते हैं, बल्कि वह लगातार सरकार का सहयोग कर राजस्व बढ़ते हैं। एसोसिएशन के महासचिव पवन अग्रवाल ने कहा कि पिछले करीब 40 दिन से 90 फीसद व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। छोटे व्यापारियों पर रोजी-रोटी का संकट व्याप्त है। रोज कमाने खाने वाले आखिर कैसे परिवार का भरण-पोषण करेंगे।
यह भी पढ़ें-Uttarakhand Covid Curfew: उत्तराखंड में एक हफ्ते और बढ़ा कोविड कर्फ्यू, जानिए क्या मिली रियायतें
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें