फिल्म सेक्शन 375 से जांच की बारीकियां सीखेगी दून पुलिस Dehradun News
दून के पुलिस कप्तान अरुण मोहन जोशी ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए नई पहल की है। डीआइजी ने जिले के सभी पुलिस निरीक्षकों को सेक्शन 375 फिल्म दिखाने की योजना बनाई है।
देहरादून, सोबन सिंह गुसांई। वैसे तो पुलिसकर्मियों को अपडेट रखने और स्मार्ट बनाने के लिए समय-समय पर महकमे की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। लेकिन, डीआइजी एवं दून के पुलिस कप्तान अरुण मोहन जोशी ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए नई पहल की है। इसके तहत दून की पुलिस अब फिल्मों से भी आपराधिक वारदातों की गुत्थी सुलझाने के गुर सीखेगी। इस क्रम में डीआइजी ने जिले के सभी पुलिस निरीक्षकों को सबसे पहले सेक्शन 375 फिल्म दिखाने की योजना बनाई है।
आपराधिक वारदातों के पर्दाफाश के लिए घटना के हर पहलू पर पैनी निगाह जरूरी है। अक्सर छोटी-सी चूक के कारण मामला पेचीदा हो जाता है और अपराधी पुलिस की पहुंच से कोसो दूर चला जाता है। वर्तमान में बन रही फिल्मों में पटकथा लिखने के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर भी काफी काम किया जाता है। खासकर अपराधों पर आधारित फिल्मों में। यही वजह है कि डीआइजी ने दून के पुलिसकर्मियों को सेक्शन 375 फिल्म दिखाने की योजना बनाई। जिसमें दिखाया गया है कि किसी भी अपराध की जांच कितनी गंभीरता से की जानी चाहिए। संभवत: दो या तीन दिन में निरीक्षकों को फिल्म दिखाई जा सकती है। डीआइजी की ओर से इसकी व्यवस्था बनाने के लिए स्टाफ को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पुलिसकर्मी यह सीखेंगे फिल्म से
फिल्म 'सेक्शन 375 में दिखाया गया है कि यदि कोई लड़की दुष्कर्म का आरोप लगाती है तो किन-किन पहलुओं पर जांच की जानी चाहिए। घटना का निरीक्षण, साक्ष्य जुटाने के तरीके, घटना के बाद लड़की का व्यवहार, मेडिकल पहलू की भी गंभीरता से जांच करना जरूरी है।
पुलिस को फिल्म से मिलेगी प्रेरणा
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि निरीक्षकों को प्रोत्साहित करने वाली फिल्में समय-समय पर दिखाई जाती हैं। फिल्म सेक्शन 375 से पुलिसकर्मियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। इसलिए सभी निरीक्षकों को मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाने की योजना बनाई गई है। खासकर फिल्म महिला अपराधों की जांच करने वाली महिला दारोगाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती है।
जनता में साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाएं पुलिस: डीजी
पुलिसकर्मियों को जनता में साइबर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। जिससे जनता को साइबर अपराधों का ज्ञान हो और वह इससे संबंधित अपराधों को पंजीकृत करा सके। पुलिस मुख्यालय में जनपदीय सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल एवं सोशल मीडिया सेल के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह बात महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कही।
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पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी की अध्यक्षता में साइबर सेल में नियुक्त कर्मियों की कार्यदक्षता बढ़ाने व जनता में साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि जनपदों में स्थापित सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल से सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी, सांप्रदायिक एवं फेक न्यूज पोस्ट करके अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखी जा रही है। ऐसा करने वालों पर कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान, पुलिस उपमहानिरीक्षक एसटीएफ रिधिम अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक अभिसूचना निवेदिता कुकरेती सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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