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दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फार्मेसिस्ट और इंडिगो का कर्मचारी कोरोना संक्रमित

कोविड-हॉस्पिटल यानी दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फार्मेसिस्ट और इंडिगो का कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 01:24 PM (IST)
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फार्मेसिस्ट और इंडिगो का कर्मचारी कोरोना संक्रमित
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फार्मेसिस्ट और इंडिगो का कर्मचारी कोरोना संक्रमित

देहरादून, जेएनएन। दून में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को भी जिले में 150 नए मामले सामने आए हैं। जिसमें कोविड-हॉस्पिटल यानी दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फार्मेसिस्ट भी शामिल हैं। उनकी ड्यूटी स्टोर में थी। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्टोर सैनिटाइज कराया जा रहा है। साथ ही उनके संपर्क में आए अन्य कर्मचारियों की भी जांच कराई जा रही है।

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इसके अलावा एक निजी अस्पताल की नर्स समेत तीन और स्वास्थ्य कर्मियों को भी कोरोना हुआ है। छह बैंक कर्मी भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। डोईवाला में एसडीआरएफ का जवान व इंडिगो एयरलाइंस का एक कर्मचारी संक्रमित मिला है। वहीं, चकराता वन प्रभाग के कालसी व रामपुर मंडी में तैनात एक सफाई कर्मी भी पॉजिटिव आया है। 38 मामले एम्स ऋषिकेश से हैं, जिनमें 20 स्थानीय लोग हैं। 14 मरीज पहले से ही दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती हैं। कोविड केयर सेंटर से लिए गए 24 व आशारोड़ी चेकपोस्ट से लिए गए 12 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

कोरोना संदिग्ध की मौत

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कोरोना संदिग्ध एक मरीज की मौत हो गई। मच्छी बाजार निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग को 27 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुजुर्ग को निमोनिया और सांस लेने में दिक्कत थी। गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें एसआइसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां बुधवार देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन ने मृतक का कोरोना जांच के लिए सैंपल भेज दिया है।

प्राध्यापक संक्रमित, डीएवी पीजी कॉलेज तीन सितंबर तक बंद

डीएवी पीजी कॉलेज के वाणिज्य संकाय के प्राध्यापक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने अपनी जांच निजी लैब में कराई थी। प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि कॉलेज को तीन सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। साथ ही उनके संपर्क में आए अन्य स्टाफ से भी कोरोना जांच कराने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा। साथ ही सभी स्टाफ सदस्यों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। वहीं,देहरादून: स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) कार्यालय में भी कोरोना दस्तक दे चुका है। यहां एक महिला कर्मचारी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह चार दिनों से दफ्तर नहीं आ रही थीं।

गांधी शताब्दी में ओपीडी शुरू

गांधी शताब्दी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। बीते दिनों यहां एक मरीज व अस्पताल के तीन कर्मचारी संक्रमित मिले थे। जिसके बाद ओपीडी बंद कर सैनिटाइजेशन कराया गया। गुरुवार को ओपीडी फिर शुरू कर दी गई, पर मरीज अब भी बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं।

प्रेमनगर अस्पताल में बारह जांच, सभी निगेटिव

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रेमनगर अस्पताल से एक राहतभरी खबर है। गुरुवार को यहां दस गर्भवती महिलाओं व दो कर्मचारियों के रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शुक्रवार को दस और गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए बुलाया गया है। एक दिन पहले यहां ओपीडी में कोरोना संक्रमित एक गर्भवती पहुंच गई थी, जिस कारण वहां मौजूद अन्य मरीजों व स्टाफ में संक्रमण का खतरा बढ़ गया था।

छोटे निजी अस्पताल भी कर सकेंगे कारोना का इलाज

स्वास्थ्य विभाग अब छोटे निजी अस्पतालों को भी कोरोना का इलाज करने की अनुमति देने जा रहा है। इसके लिए शासन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर अपने जनपदों में ऐसे अस्पताल चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण सरकारी अस्पतालों में इलाज को जगह कम पड़ने लगी है। अभी गंभीर मरीजों का इलाज अस्पतालों में हो रहा है और जिन मरीजों में लक्षण नहीं हैं, उन्हें कोविड केयर सेंटर भेजा जा रहा है।

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इसे देखते हुए कुछ समय पहले प्रदेश सरकार ने नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) से संबद्ध निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों की जांच करने की अनुमति दी थी। हालांकि, गंभीर मरीजों का इलाज करने की छूट निजी अस्पतालों को पहले से है। अब इसका दायरा बढ़ाते हुए एनएबीएच से संबद्धता न रखने वाले अन्य निजी अस्पतालों को भी शामिल किया जा रहा है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि निजी अस्पतालों में इलाज के लिए केंद्र द्वारा विस्तृत गाइडलाइन भेजी गई है। जिन अस्पतालों को इलाज की अनुमति मिलेगी, उन्हें इस गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा।

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