Move to Jagran APP

आरकेडिया ग्रांट चाय बागान की भूमि के दस्तावेज तलब, 30 जून तक प्रबंधन से दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा

भूटी-एस्टेट का भू उपयोग बदलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले का संज्ञान लिया गया। वस्तुस्थिति की जांच और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को एसडीएम सदर को निर्देशित किया गया है। उनके समस्त अभिलेखों सहित 30 जून को प्रस्तुत होने को कहा है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 04:05 PM (IST)
आरकेडिया ग्रांट चाय बागान की भूमि के दस्तावेज तलब, 30 जून तक प्रबंधन से दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले का लिया संज्ञान

जागरण संवाददाता, देहरादून: आरकेडिया ग्रांट में चाय बागान की भूमि पर कब्जे के मामले में जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। भूमि पर वस्तुस्थिति की जांच और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को एसडीएम सदर को निर्देशित किया गया है। जिस पर आगामी 30 जून तक चाय बागान प्रबंधन से भूमि संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है।

prime article banner

अब जिला प्रशासन भी सख्त

चाय बागान में धान और सब्जियां उगाए जाने की शिकायत पर अब जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है। उप जिलाधिकारी सदर मनीष कुमार ने टी-स्टेट आरकेडिया ग्रांट के प्रबंधक को स्वामित्व संबंधी दस्तावेजों व जिन शर्तो के अनुसार भूमि आवंटित की गई है।

उनके समस्त अभिलेखों सहित 30 जून को प्रस्तुत होने को कहा है। यदि टी-स्टेट आरकेडिया ग्रांट के स्वामित्व संबंधित दस्तावेज निर्धारित तिथि तक प्रस्तुत नहीं किए जाते तो प्रकरण में सुसंगत धाराओं के तहत एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर मामले का लिया संज्ञान

इससे पहले दो दिन पूर्व ही आरकेडिया टी-एस्टेट का भू उपयोग बदलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले का संज्ञान लिया गया। इस पर सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने डीएम देहरादून से रिपोर्ट तलब की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत मिली थी कि एक हजार एकड़ से ज्यादा भूमि में फैले आरकेडिया टी एस्टेट में चाय के बजाय गेहूं, धान, सब्जी की फसलें उगाई जा रही हैं।

नियमानुसार टी एस्टेट की भूमि में चाय के अलावा न तो अन्य कोई फसल उगाई जा सकती है और न इसे किसी दूसरे कार्य के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। यदि भू उपयोग बदला जाता है तो संबंधित भूमि सरकार में निहित हो जाएगी। सरकार इसके बदले वर्तमान सर्किल रेट के हिसाब से भुगतान करेगी। सरकार इस भूमि का उपयोग विभिन्न योजनाओं को मूर्त रूप देने में कर सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.