दून मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी ड्यूटी से बंक मार रहे डॉक्टर Dehradun News
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक अब इमरजेंसी ड्यूटी से भी बंक मार रहे हैं। इसकी पोल एक वीडियो ने खोल दी है। इस दौरान तीन डॉक्टर ड्यूटी से गायब थे।
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक अब इमरजेंसी ड्यूटी से भी बंक मार रहे हैं। अस्पताल की इमरजेंसी में दुर्घटना आदि के मामले तो आते ही हैं, इस वक्त डेंगू, वायरल व मौसमी बीमारियों के कारण भी अस्पताल पर अत्याधिक दबाव है। पर ताज्जुब देखिए कि चिकित्सक संवेदनहीन बने हुए हैं। वह अपनी ड्यूटी को लेकर कितने गंभीर हैं, इसकी पोल एक वीडियो ने खोल दी है।
इस वायरल वीडियो में डॉक्टर व एक मरीज के तीमारदारों के बीच जबरदस्त नोकझोंक हो रही है। प्रारंभिक पड़ताल में पता लगा है कि इस दौरान तीन डॉक्टर ड्यूटी से गायब थे। दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में एक किशोर को भर्ती नहीं करने एवं परिजनों के हंगामे का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो दो दिन पहले रात के समय का बताया गया है। जिसमें ईएमओ डॉ. नरेश और परिजनों की नोकझोंक हो रही है।
वहीं, परिजन यहां मरीज भर्ती नहीं होने पर ले जाते हैं। ईएमओ का कहना है कि मरीज यहीं से डिस्चार्ज होकर गया था, परिजन दोबारा उसे लेकर आए तो इंजेक्शन दिया गया। उसकी हालत सामान्य थी। परिजनों ने बेवजह हंगामा किया।
वहीं, एमएस डॉ. केके टम्टा का कहना है कि वीडियो उन्होंने देखा है। इसके बारे में जानकारी ली जा रही है। उनका कहना है कि उस वक्त ईएमओ समेत चार डॉक्टर इमरजेंसी में तैनात थे। तीन डॉक्टर ड्यूटी से नदारद थे। ऐसे में पूरा बोझ एक ईएमओ पर आ गया। इसी कारण ये स्थिति बनी। प्राचार्य को इस विषय में पत्र भेज दिया है।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से की व्यवस्थाएं सुधारने की मांग
स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा के नेतृत्व में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से मिला। प्राचार्य को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि पिछले कई दिन से शहर में डेंगू का प्रकोप बना हुआ है। दून अस्पताल में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन वहां मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि अस्पताल में चिकित्सकों के साथ ही अन्य पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीशियन आदि की भारी कमी है।
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी भी इक्का-दुक्का चिकित्सकों के भरोसे चल रही है। मरीजों को भर्ती होने के लिए वार्डों में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैथोलॉजी लैब में भी ब्लड सैंपल की जांच कराने के लिए मरीजों को भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रेडियोलॉजी जांचें भी हर अंतराल बाद प्रभावित हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांच के शुल्क में बढ़ोत्तरी किए जाने से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। अस्पताल में उपचार की समुचित व्यवस्था की जाए।
साथ ही ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता बनाए रखने, अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया सरल करने, अस्पताल की मोर्चरी में सफाई व्यवस्था बनाने व मृतक को ले जाने के लिए निश्शुल्क शव वाहन की सुविधा देने की भी मांग की है।
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इस पर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने भरोसा दिया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ज्ञापन देने वालों में राजपुर रोड के पूर्व विधायक राजकुमार, संजय किशोर, राजेश शर्मा, हरि भट्ट, रमेश कुमार, नीनू सहगल, अर्जुन सोनकर, निखिल कुमार आदि उपस्थित रहे।
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