अगर विदेशी परिंदों को पालने का रखते हैं शौक तो ये खबर जरूर पढ़ें, नहीं तो हो सकती है कार्रवाई
परिंदे पालने का शौक है और इनमें कुछ विदेशी प्रजाति के हैं तो सचेत हो जाएं। विदेशी परिंदों पर मालिकाना हक तभी मिल पाएगा जब आप इसके लिए 31 दिसंबर तक पंजीकरण कराएंगे। ऐसा न करने पर वन्यजीव महकमा संबंधित परिंदों को जब्त करने की कार्रवाई कर सकता है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। अगर आपको परिंदे पालने का शौक है और इनमें कुछ विदेशी प्रजाति के हैं, तो सचेत हो जाएं। विदेशी परिंदों पर मालिकाना हक तभी मिल पाएगा, जब आप इसके लिए 31 दिसंबर तक पंजीकरण कराएंगे। ऐसा न करने की दशा में वन्यजीव महकमा संबंधित परिंदों को जब्त करने की कार्रवाई कर सकता है। केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से इस सिलसिले में एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद उत्तराखंड में भी वन्यजीव महकमा सक्रिय हो गया है।
देशभर में व्यक्तियों द्वारा घरों में पाले जाने वाले विदेशी पशु-पक्षियों की वास्तविक संख्या है कितनी, यही जानने के मकसद से वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें विदेशी पशु-पक्षी पाल रहे व्यक्तियों से कहा गया है कि वे स्वयं आगे आकर इसकी जानकारी मंत्रालय के परिवेश पोर्टल में अपलोड करें। एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित कराने के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालकों को निर्देशित किया गया है।
इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी वन्यजीव महकमा कसरत में जुटा है। राज्य में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल समेत तमाम शहरों में कई व्यक्तियों के पास विदेशी प्रजाति के परिंदे होने की सूचनाएं हैं। विभाग ने इन सभी से पंजीकरण कराने को कहा है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग बताते हैं कि ऑनलाइन होने वाले पंजीकरण के तहत व्यक्ति को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी के साथ ही यह बताना होगा कि उसके पास मौजूद विदेशी परिंदे को कहां से खरीदा या लाया गया।
साथ ही उसका फोटो भी अपलोड करना होगा। सुहाग के अनुसार इसके बाद विभाग की टीम मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करेगी और फिर संबंधित व्यक्ति को उसके पास मौजूद विदेशी परिदें का मालिकाना हक संबंधी प्रमाणपत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि 31 दिसंबर तक पंजीकरण न कराने वाले व्यक्तियों के पास मौजूद परिंदों को जब्त करने का अधिकार विभाग के पास होगा।