देहरादून: खुद पर लगे इन आरोपों से डिक्सन कंपनी का इनकार, कहा- छवि धूमिल करने की कोशिश; जानें पूरा मामला
सेलाकुई स्थित डिक्सन टेक्नोलॉजी में बालश्रम कराए जाने के आरोपों को कंपनी ने नकारा है। कंपनी के डिविजन प्रेसीडेंट राजीव लोनियाल ने इसे कंपनी की छवि खराब करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी में श्रमिकों की नियुक्ति नियमबद्ध तरीके से की जाती है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून के सेलाकुई स्थित डिक्सन टेक्नोलॉजी में बालश्रम कराए जाने के आरोपों को कंपनी ने नकारा है। कंपनी के डिविजन प्रेसीडेंट राजीव लोनियाल ने इसे कंपनी की छवि खराब करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी में श्रमिकों की नियुक्ति नियमबद्ध तरीके से की जाती है और उनके आधार नंबर और फोन नंबर की जांच के बाद ही रखा जाता है।
राजीव लोनियाल ने कहा कि उनकी कंपनी पर लगे तमाम आरोप बेबुनियाद हैं और साजिश के तहत उनके खिलाफ मीडिया में दुष्प्रचार किया जा रहा है। बताया कि यहां श्रमिकों को लाइसेंस धारी ठेकेदारों के माध्यम से भर्ती किया जाता है। कंपनी और ठेकेदारों के बीच कानूनी अनुबंध है। कंपनी ने सभी संबंधित श्रमिकों के आधार कार्ड और नंबरों की जांच और पुन: सत्यापन किया है। संबंधित श्रमिकों के पास एक वैध बैंक खाता होता है, जिसमें श्रमिकों के देयकों का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा, कर्मचारी के पास भविष्य निधि खाता, कर्मचारी राज्य बीमा और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से आवंटित वैध यूनिवर्सल खाता संख्या होती है।
कंपनी नियमित रूप से श्रमिकों को पूर्ण वेतन का भुगतान करती है। न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 और अन्य प्रासंगिक अधिनियमों के तहत ही वेतन का भुगतान किया जाता है। साथ ही समय-समय पर वेतन संशोधित किया जाता है। राजीव ने बताया कि डिक्सन कंपनी कानून का पालन करने वाली कंपनी है। उम्मीद है कि कंपनी पर लगे तमाम आरोप जांच में बेबुनियाद साबित होंगे और ग्राहकों व कर्मचारियों का विश्वास कंपनी पूर्व की भांति बनी रहेगी।
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