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आपदा प्रबंधन डेटाबेस में देश का तीसरा राज्य बना उत्तराखंड

डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस में उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 03:01 AM (IST)
आपदा प्रबंधन डेटाबेस में देश का तीसरा राज्य बना उत्तराखंड
आपदा प्रबंधन डेटाबेस में देश का तीसरा राज्य बना उत्तराखंड

जागरण संवाददाता, देहरादून: डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस में उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है। विश्व बैंक की मदद से ढाई के साल के अध्ययन के बाद तैयार हुई रिपोर्ट से यह संभव हुआ है। चार देशों के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट का सरकार आइआइटी रुड़की के वैज्ञानिकों से अध्ययन कराएगी। इसके बाद आपदा प्रबंधन पर विस्तृत प्लान तैयार किया जाएगा।

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बुधवार को आइएसबीटी के पास स्थित एक होटल में आयोजित सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि डेटाबेस से आपदा न्यूनीकरण का प्लान बनाया जाएगा। कहा कि आपदा प्रबंधन में न्यूनीकरण, पुनर्वास, आपदा जोखिम, रिकवरी पर ध्यान देने की जरूरत होती है। अब राज्य के पास गांव, ब्लाक, जनपद और प्रदेश का पूरा डाटा बेस तैयार हो गया है। ऐसे में आपदा से होने वाले बड़े नुकसान को कम किया जा सकेगा। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत ने कहा कि आपदा के दौरान आने वाली दिक्कतों को दूर करने में यह प्लान मील का पत्थर साबित होगा है। इस मौके पर एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर ने कहा कि गुजरात और उड़ीसा के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन डाटा बेस में तीसरा राज्य बन गया है। उत्तराखंड का डाटा बेस जिस तरह से तैयार किया गया है, वह पूरे देश में अलग तरह का कार्य है। सेमीनार में एनआइडीएम के अधिशासी निदेशक अनिल कुमार ने डाटा बेस को यहां आने वाली आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण बताया।

इससे पहले ढाई साल से प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थाईलैंड, डेनमार्क, मैक्सिको आदि देशों के विशेषज्ञों ने डाटा प्लान के अध्ययन से लेकर तैयार किए गए प्लान के बारे में जानकारी दी। आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी ने कहा कि भूकंप, भूस्खलन और दूसरी आपदाओं में डाटा बेस उपयोगी साबित होगा। इसके अनुसार ही भविष्य के प्लान बनाए जाएंगे। . तो केदारनाथ में बच जाती कई जिंदगी

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि यदि सरकार के पास पहले इस तरह का डाटा बेस प्लान होता तो शायद केदारनाथ आपदा कम जानें जाती। कहा कि इस रिपोर्ट के बाद अनियोजित विकास पर ब्रेक लगाया जाएगा। विकास कार्यो में इस डाटा बेस रिपोर्ट के तकनीक और आर्थिक पहलू को शामिल किया जाएगा। ये रहे मौजूद

इस मौके पर विधायक दिलीप रावत, अपर सचिव डा.वी षणुमुगम, सविन बंसल, आपदा प्रबंधन निदेशक डा.पीयूष रौतेला, मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह, डा.मंजूल कुमार, टॉम ब्रकुट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपशिखा रावत आदि 22 करोड़ से तैयार हुआ प्लान

विश्व बैंक पोषित उत्तराखंड आपदा पुनर्निर्माण परियोजना के तहत यह प्लान तैयार हुआ है। इसमें कार्यक्रम क्रियान्वयन इकाई, तकनीकि सहायता, क्षमता विकास पर कार्य किया गया है। मई 2016 से अक्टूबर 2018 तक यह रिपोर्ट तैयार हुई है। इस पर करीब 22 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जिलेवार तैयार की गई रिपोर्ट

डाटा बेस रिपोर्ट को हर जिले में भूकंप, भूस्खलन और अन्य आपदा के कारण, बचाव एवं सुरक्षा के लिहाज से तैयार किया गया है। इसमें प्रदेश में कुछ भूस्खलन क्षेत्र, आपदा की जद में आने वाले गांव, घर, सरकारी दफ्तर, आवास आदि को भी शामिल किया गया है।


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