उत्तराखंड में राशन की दुकानें ज्यादा अवधि तक खोलने पर खींचतान
कोरोना संक्रमण भयावह होने के बीच एक बार फिर राशन की दुकानों की भूमिका अहम हो गई है। कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के परिवारों को सरकारी सस्ता और मुफ्त राशन समय पर मुहैया कराने के लिए खाद्य विभाग चाहता है कि ये दुकानें अभी ज्यादा समय अवधि तक खोली जाएं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण भयावह होने के बीच एक बार फिर राशन की दुकानों की भूमिका अहम हो गई है। गरीब और कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के परिवारों को सरकारी सस्ता और मुफ्त राशन समय पर मुहैया कराने के लिए खाद्य विभाग चाहता है कि ये दुकानें अभी ज्यादा समय अवधि तक खोली जाएं। वहीं संक्रमण के खतरे को देखते हुए राशन विक्रेताओं का संगठन इन दुकानों को भी बंद करने के पक्ष में है।
प्रदेश में वर्तमान में लागू कोविड कर्फ्यू के दौरान राशन की दुकानों को आंशिक बंदी के दायरे में रखा गया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण बढ़ने और खासतौर पर कोविड कर्फ्यू के दौरान लाकडाउन जैसे हालात में गरीब परिवारों के सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में केंद्र और राज्य की सरकारें चाहती हैं कि राशन की दुकानों से सस्ता खाद्यान्न मिलने में राज्यवासियों को दिक्कत पेश नहीं आए। केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का तीसरा फेज चालू किया जा चुका है।
राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े 13 लाख से ज्यादा परिवारों यानी करीब 61 लाख व्यक्तियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रति यूनिट पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न का वितरण शुरू किया जा चुका है। अभी दो महीने यानी मई और जून में यह खाद्यान्न दिया जाना है। इन प्राथमिक परिवारों को नियमित रूप से भी खाद्यान्न वितरण भी हो रहा है। इसीतरह अब प्रदेश सरकार भी राज्य खाद्य योजना के तहत गरीबी रेखा से ऊपर परिवारों को भी चालू माह समेत तीन महीनों तक 20 किलो खाद्यान्न देने का आदेश जारी कर चुकी है।
ऐसी परिस्थितियों में राशन की दुकानें बंद रहती हैं तो सरकारी सस्ता और मुफ्त खाद्यान्न वितरण पर इसका असर पड़ना तय है। इसे देखते हुए शासन और विभाग चाहते हैं कि राशन की दुकानें ज्यादा अवधि तक खुलें। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि इस संबंध में मंथन चल रहा है। उच्च स्तर पर अंतिम निर्णय होना है। उधर, राशन विक्रेताओं के मन में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से खौफ है। इस संबंध में खाद्य सचिव सुशील कुमार का कहना है कि राशन विक्रेताओं की चिंता जायज है। इसे देखते हुए सरकार ने तय किया है कि सभी राशन विक्रेताओं का कोविड-19 टीकाकरण प्राथमिकता से किया जाएगा। प्रदेश में 9225 राशन विक्रेता हैं। जल्द ही इनका टीकाकरण किया जाएगा।
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