Move to Jagran APP

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक में अध्ययनकार्य पर चर्चा

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के मध्य आपदा विषय के सम्बंध में सहयोग प्रदान करने के लिए बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया। आइआइआरएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. अरिजीत रॉय के द्वारा अध्ययन की जानकारी दी गई।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 04:43 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 04:43 PM (IST)
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक में अध्ययनकार्य पर चर्चा
आपदा विषय के सम्बंध में सहयोग प्रदान करने के लिए बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया।

जागरण संवाददाता, देहरादूनः उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के मध्य आपदा विषय के सम्बंध में सहयोग प्रदान करने के लिए बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में आइआइआरएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. अरिजीत रॉय के द्वारा देहरादून शहर के अंतर्गत इसरो द्वारा किये जाने वाले अध्ययन की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन में पहली बार राज्य के किसी शहरी क्षेत्र के अंतर्गत उच्च क्षमता के ड्रोन के माध्यम से रिस्पना तथा बिंदाल नदी के किनारे बसे शहरी क्षेत्र का शहरी बाढ़ के लिए अध्ययन एवं देहरादून शहर के माइक्रो क्लाइमेट पर अध्ययन किया जाना प्रस्तावित है। उच्च क्षमता के ड्रोन द्वारा उच्च कोटि के रेसोल्युशन इमेज बनाई जाएगी।  उन इलाकों को चिन्हित किया जाएगा जहां तेज़ बारिश होने की दशा में ब्लॉकेज होने की संभावना रहती है तथा नदी के आस- पास के इलाकों के जलमग्न होने की भी सम्भावना रहती है। इस अध्य्यन के क्रियान्वयन को 1 वर्ष के अंदर किये जाने प्रस्तावित है। इस अध्ययन को पूर्ण रूप से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञों तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिकों द्वारा संपादित किया जाएगा। बैठक में रिदिम अग्रवाल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा आपदा सम्बन्धित अन्य विषयों पर सहभागिता दिए जाने के लिए समझौता ज्ञापन किये जाने के निर्देश दिए गए।

prime article banner

यह भी पढ़ें: राज्य आंदोलनकारियों को पुलिस ने बेरिकेड लगाकर रोका

बैठक में डॉ. गिरीश जोशी, वरिष्ठ परामर्शदाता अमित शर्मा, सिस्टम एनालिस्ट ज्योति नेगी, आइइसी ऑफिसर शैलेश घिल्डियाल उपस्थित थे। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिदिम अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के समन्वय से कुछ क्षेत्र वर्तमान में चिन्हित किये जा चुके है और अन्य क्षेत्रों को चिन्हित करने का कार्य गतिमान है।

यह भी पढ़ें: साढ़े तीन साल में सात लाख को रोजगार से जोड़ा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.