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साध्वी पद्मावती दून अस्पताल से डिस्चार्ज, वापस हरिद्वार भेजा

गंगा की अविरलता की मांग को लेकर डेढ़ माह अनशन पर रहीं साध्वी पद्मावती को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति अब सामान्य है। शुक्रवार की देर शाम उन्हें हरिद्वार भेज दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:21 AM (IST)
साध्वी पद्मावती दून अस्पताल से डिस्चार्ज, वापस हरिद्वार भेजा
साध्वी पद्मावती दून अस्पताल से डिस्चार्ज, वापस हरिद्वार भेजा

जागरण संवाददाता, देहरादून: गंगा की अविरलता की मांग को लेकर डेढ़ माह अनशन पर रहीं साध्वी पद्मावती को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति अब सामान्य है। शुक्रवार की देर शाम उन्हें हरिद्वार भेज दिया गया।

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विदित हो कि हरिद्वार स्थित मातृसदन में अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती को गुरुवार रात हालत बिगड़ने पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने इलाज कराने से मना करा दिया। साध्वी मातृसदन में ही इलाज कराने पर अड़ी रहीं। अस्पताल पहुंचे डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने साध्वी के माध्यम से फोन पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद से वार्ता की। स्वामी शिवानंद ने भी यही कहा कि साध्वी का जो भी इलाज किया जाए आश्रम में ही किया जाए। बहरहाल शाम को तमाम रिपोर्ट सामान्य आने पर अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

मातृसदन गंगा में खनन रोकने समेत अन्य मागों को लेकर बीते कई सालों से लगातार आदोलनरत रहा है। स्वामी शिवानंद के शिष्य स्वामी निगमानंद ने लंबा आदोलन किया था जिसके बाद उन्होंने जौलीग्राट अस्पताल में अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद समय-समय पर स्वामी शिवानंद की अगुवाई में स्वामी आत्मबोधानंद एवं उनके अन्य शिष्य अनशन करते रहे। बीते वर्ष स्वामी सानंद ने भी गंगा की खातिर अपने प्राण त्याग दिए थे। बीती 15 दिसम्बर से साध्वी पद्मावती अनशन पर बैठी हुई थी। मीडिया से बातचीत में वह सरकार पर जमकर बरसी। उन्होंने कहा कि उन्हें जबरन उठाकर यहां लाया गया। यह आरोप लगाया कि स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद व निगमानंद को भी इसी तरह जबरन अस्पताल में भर्ती करवा मरवा दिया गया था। उनके गुरु भाई स्वामी आत्मबोधानंद ने भी 194 दिन तक अनशन किया था। जिस पर केंद्र की तरफ से मांगे पूरी करने का भरोसा दिलाया गया। पर इस ओर अब तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

डीएम ने तलब किया स्पष्टीकरण

इधर, मामले को लेकर तब विवाद की स्थिति बन गई जब जिलाधिकारी सी रविशकर ने साध्वी को देख रहे डॉक्टरों का स्पष्टीकरण तलब कर लिया। पूछा कि रात में डॉक्टर उन्हें रेफर करने को तैयार थे तो अब एकाएक डिस्चार्ज की बात क्यों। इस पर डॉक्टरों ने बताया कि साध्वी का कीटोन टेस्ट समेत अन्य जाच होनी थी पर उन्होंने जाच से मना कर दिया। उस समय स्थित मरीज को रेफर करने की थी। हालाकि बाद में साध्वी ने सहयोग किया और जाच कराई। जिसमें कीटोन नेगेटिव व अन्य जाचें भी नार्मल आई हैं। इसके बाद ही डिस्चार्ज का फैसला किया गया। इस जवाब से संतुष्ट डीएम ने साध्वी को डिस्चार्ज करने की स्वीकृति दे दी।

साध्वी पर हरिद्वार-दून सीएमओ में विवाद

हरिद्वार सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी गुरुवार देर रात खुद साध्वी पद्मावती को यहा दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचीं। यहां अधिकारियों का मानना था कि साध्वी को हरिद्वार जिला अस्पताल में भी भर्ती कराया जा सकता था। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर दून की सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी और हरिद्वार सीएमओ में विवाद की स्थिति भी बन गई। शुक्रवार को अस्पताल में भी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बात को लेकर चर्चा करते दिखे। उधर, हरिद्वार सीएमओ का तर्क था कि साध्वी का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। तो देहरादून सीएमओ का तर्क ये था कि दून अस्पताल जैसी सुविधाएं हरिद्वार जिला अस्पताल में भी है, वहा भी उन्हें भर्ती किया जा सकता था। क्योंकि वहा फिजीशियन भी है और तमाम जाच की सुविधा भी।


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