यहां गंगा में गिर रहे गंदे नाले, ट्रीटमेंट बिना संभव नहीं निर्मल गंगा
रायवाला क्षेत्र के गंदे नाले सीधे गंगा में प्रवाहित हो रहे हैं। सुसुवा नदी के तट पर जमा गंदगी के ढेर भी गंगा में पहुंच रहे हैं। सवाल खड़ा हजो रहा है कि गंगा कैसे निर्मल बन पाएगी।
देहरादून, जेएनएन। रायवाला क्षेत्र के गंदे नाले सीधे गंगा में प्रवाहित हो रहे हैं। सुसुवा नदी के तट पर जमा गंदगी के ढेर भी गंगा में पहुंच रहे हैं। नमामि गंगे योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे, लेकिन उन पैसों में से एक भी रुपया भी इन नालों व नदियों के ट्रीटमेंट के लिए नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा हजो रहा है कि गंगा कैसे निर्मल बन पाएगी।
रायवाला के पास सुसुवा नदी व आसपास के जंगल से निकलने वाले अन्य जल स्रोत गंगा नदी में मिल जाते हैं। वहीं वैदिक नगर के पास से लेकर प्राथमिक विद्यालय गौहरी प्लाट तक सुसुवा नदी किनारे आधा दर्जन से अधिक जगहों पर प्लास्टिक मिश्रित कूड़े के ढ़ेर लगे देखे जा सकते हैं।
ग्राम पंचायत क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के इंतजाम न होने के चलते नदी के तट कचरा डंङ्क्षपग प्लेस बने हुए हैं। नदी किनारे फेंका जा रहा यह कचरा सीधे गंगा में मिल रहा है। इतना ही नही इन नदियों के किनारे आश्रम और होटलों का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है, लेकिन अवैध निर्माण रोकने को जिम्मेदार विभाग मौन हैं।
कूड़ा निस्तारण का इंतजाम नहीं
न्याय पंचायत श्यामपुर की 18 ग्राम सभाओं में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या है। इनमें से ज्यादातर गांव गंगा या उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे हैं। किसी भी गांव में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं है।
घरों से निकलने वाला कूड़ा लोगों द्वारा नदी या जंगल के किनारे फेंक दिया जाता है। यह बाद में गंगा में पहुंच जाता है। जानकारों का कहना है कि या तो सभी ग्राम पंचायतों के लिए एक संयुक्त ट्रेंचिंग ग्राउंड बना दिया जाए या फिर उनको नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड से ही जोड़ दिया जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है।
प्रतीतनगर में मुर्गी फार्म के पास एक तरफ सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के जरिये गंगा को स्वच्छ करने का अभियान चलाए हुए है तो दूसरी तरफ हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि उपलब्ध है, लेकिन वन विभाग और राजस्व की भूमि का स्पष्ट सीमांकन न होने से बात नहीं बन पा रही है। वहीं कुछ लोगों ने भूमि पर अतिक्रमण भी किया हुआ है, जिससे ट्रेंङ्क्षचग ग्राउंड बनाने में बाधा आ रही है।
कूड़ेदान बांटने तक सिमटा अभियान
नमामि गंगे के तहत साहबनगर व गौहरीमाफी में कूड़ेदान बांटे गए। लेकिन असली समस्या कूड़ा निस्तारण की है, जिसका अब तक समाधान नहीं हो सका है। साहबनगर के ग्राम प्रधान ध्यान सिंह असवाल ने बताया कि ट्रेंचिंग ग्राउंड न होने की वजह से दिक्कत आ रही है।
सौंग नदी के पास कूड़ा निस्तारण की जगह चिह्नित की गई है। जहां पर इसको जैविक व अजैविक अलग-अलग एकत्र कर रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाएगा। ग्राम सभा द्वारा एक ट्रैक्टर ट्राली व कूड़ेदान खरीदे गए हैं। तीन सफाई कर्मियों की नियुक्ति भी की जानी है। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
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