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खत्म होती नजर आ रही डिप्लोमा फार्मसिस्ट संघ के दो गुटों के बीच की लड़ाई Dehradun News

Diploma Pharmacist डिप्लोमा फार्मसिस्ट संघ के दो गुटों के बीच छिड़ी असली-नकली की लड़ाई आखिरकार खत्म होती दिख रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 02:22 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 02:22 PM (IST)
खत्म होती नजर आ रही डिप्लोमा फार्मसिस्ट संघ के दो गुटों के बीच की लड़ाई Dehradun News
खत्म होती नजर आ रही डिप्लोमा फार्मसिस्ट संघ के दो गुटों के बीच की लड़ाई Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। डिप्लोमा फार्मसिस्ट संघ के दो गुटों के बीच छिड़ी असली-नकली की लड़ाई आखिरकार खत्म होती दिख रही है। वैधता को लेकर चली रही खींचतान के बीच शासन ने स्वास्थ्य महानिदेशालय को संगठन की कार्यकारिणी भंग कर समूह-क श्रेणी के किसी अधिकारी की निगरानी में संगठन का चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। अपर सचिव गरिमा रौंकली ने इस बावत आदेश जारी कर दिए हैं।

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डिप्लोमा फार्मसिस्ट एसोसिएशन के एक ही मान्यता और पंजीकरण संख्या पर पिछले करीब ढाई साल से दो कार्यसमितियां कार्य कर रही हैं। दोनों गुट स्वयं को असली बता रहे हैं। 14 जनवरी 2018 को देहरादून में हुए प्रांतीय अधिवेशन में उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मसिस्ट एसोसिएशन में दो फाड़ हो गए थे। तब से ही दोनों गुटों के पदाधिकारी अपने-अपने स्तर से महानिदेशालय व शासन से पत्रचार और बैठक कर रहे हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने दोनों पक्ष के अध्यक्ष क्रमश: प्रताप सिंह पंवार और एसपी सेमवाल से उनकी वैधानिकता का परीक्षण किए जाने के लिए अभिलेख मांगे थे। पर दोनों पक्षों से प्राप्त अभिलेखों से महानिदेशालय यह तय नहीं कर पाया कि कौन सा पक्ष वैध है। 

अब जब फार्मसिस्ट एसोसिएशन को शासन से मान्यता है, इसलिए महानिदेशालय ने वैध-अवैध के निर्णय के लिए प्रकरण शासन को भेज दिया था। दोनों कार्यसमितियों के संगठनात्मक कार्यों पर भी रोक लगा दी थी। शासन के निर्देशानुसार अब स्वास्थ्य महानिदेशालय संगठन की कार्यकारिणी भंग कर समूह-क श्रेणी के अधिकारी की देखरेख में चुनाव कराएगा।

  • फार्मसिस्टों के दो गुटों के बीच छिड़ी है असली और नकली की लड़ाई
  • डीजी कार्यालय के अधिकारी की निगरानी में होगा चुनाव
  • पंजीकरण संख्या पर ढाई साल से दो कार्यसमितियां कर रही हैं कार्य

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दो साल पहले हुआ था दो फाड़

डिप्लोमा फार्मसिस्ट एसोसिएशन का अधिवेशन 14 जनवरी 2018 को देहरादून में हुआ था। इस दौरान एक गुट ने कई सदस्यों को मतदान से वंचित रखे जाने का आरोप लगा हंगामा किया। हंगामा बढ़ा और एसोसिएशन में दो फाड़ हो गए। लिहाजा दोनों गुटों ने अपनी-अपनी कार्यकारिणी गठित कर संघ के नाम पर शपथ ग्रहण कर ली।

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