अब तीन दिन में होगा महिला सुरक्षा संबंधी शिकायतों का निस्तारण, निर्देश जारी
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने महिला सुरक्षा व बुजुर्गो की शिकायतों का निस्तारण तीन दिन के भीतर करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
By Edited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 02:58 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने महिला सुरक्षा और बुजुर्गों की शिकायतों का निस्तारण तीन दिन के भीतर करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने थाना स्तर पर पहुंचने वाले प्रार्थना पत्रों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटते हुए मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है।
गुरुवार को डीआइजी ने जनपद के क्षेत्राधिकारी (सीओ) के साथ बैठक की। प्रथम श्रेणी में महिला सुरक्षा, आस-पड़ोस के झगड़े, गरीब, शोषित व्यक्तियों के पैसों, ऐसे प्रार्थनापत्र जिसमें आवेदक ने दोबारा प्रार्थना पत्र दिया हो और वरिष्ठ नागरिकों की ओर से दिया गया प्रार्थना पत्र और न्यायालय संबंधित प्रार्थना पत्रों को रखा गया है। जिनका निस्तारण संबंधित अधिकारी को तीन दिन के अंदर करना होगा। दूसरी श्रेणी में आपसी रंजिश, घोखाधड़ी, खाते से रुपये निकलने व घरेलू झगड़े संबंधी प्रार्थनापत्रों को रखा गया है।
इन शिकायतों का निस्तारण एक सप्ताह में करना होगा। वहीं तीसरी श्रेणी में भूमि विवाद, बैंक धोखाधड़ी, साइबर क्राइम आदि प्रार्थनापत्र जिनमें शिकायतकर्ता या विपक्षी गैर राज्य में हो, को रखा गया है। इनका निस्तारण 15 दिनों के भीतर करना होगा। एसएसआइ दुरुस्त रखेंगे रजिस्टर थाने में पहुंचने वाली हर शिकायत को दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर होगा, जिसे एसएसआइ दुरुस्त रखेंगे।
इसमें प्रार्थना पत्र प्राप्ति की तिथि, विवरण, श्रेणी और निस्तारण की अवधि, प्रार्थनापत्र का समय से निस्तारण न होने पर थाना प्रभारी, संबंधित क्षेत्राधिकारी (सीओ) और संबंधित पुलिस अधीक्षक (एसपी) की कार्रवाई का विवरण अंकित किया जाएगा। प्रार्थनापत्रों के समय से निस्तारण करने के लिए प्रत्येक दिन एक एसआइ को नियुक्त किया जाएगा। रजिस्टर का थाना प्रभारी प्रतिदिन, संबंधित क्षेत्राधिकारी (सीओ) की ओर से सप्ताह में दो बार और एसपी प्रत्येक 15 दिनों में एक बार अवलोकन करेंगे।
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