बसों पानी मिला डीजल डालने के मामले में आया नया मोड, आइओसी से होगी डीजल की रिकवरी
रोडवेज की बसों पानी मिला डीजल डाले जाने के मामले में नया मोड आ गया है। पानी के चलते जितना डीजल खराब हुआ है उसकी रिकवरी आइओसी से की जाएगी।
देहरादून, जेएनएन। रुड़की डिपो स्थित पेट्रोल पंप से रोडवेज की बसों पानी मिला डीजल डाले जाने के मामले में नया मोड आ गया है। पहले आशंका जताई जा रही थी कि डीजल टैंक से डीजल चुराने के बाद उसमें पानी मिलाया गया है, लेकिन जांच में पता चला है कि टैंक में पानी डिपो में बारिश के कारण जलभराव की वजह से पहुंचा। इतना ही नहीं, भूमिगत डीजल टैंक बेहद जर्जर स्थिति में मिला। उसके पाइप व ढक्कन भी टूटे हुए थे। महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव ने बताया कि एक साल पूर्व से डिपो स्तर पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन से संपर्क कर टैंक की मरम्मत के लिए पत्राचार किया जा रहा था, लेकिन मरम्मत का कार्य नहीं किया गया। टैंक में लीकेज भी सामने आई है। महाप्रबंधक ने बताया कि पानी के चलते जितना डीजल खराब हुआ है, उसकी रिकवरी आइओसी से की जाएगी।
शनिवार की सुबह रुड़की डिपो पर लगे पेट्रोल पंप से डीजल भराकर गई अल्मोड़ा, रुद्वपुर, हलद्वानी, ऋषिकेश व रुड़की डिपो की बसें रास्ते में खराब हो गई थी। बताया गया कि सभी बसों के बसों में डीजल टैंक में 25 से 30 लीटर पानी भरा हुआ मिला। अपने पंप से पानी मिला डीजल बसों में भरे जाने पर प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने महाप्रबंधक (प्रशासन) निधि यादव को जांच सौंपी थी। सोमवार सुबह महाप्रबंधक निधि यादव, मंडलीय प्रबंधक (तकनीकी) अनूप रावत तकनीकी टीम के साथ रुड़की डिपो पहुंचे। पेट्रोल पंप की जांच-पड़ताल में रखरखाव की अनदेखी पाई गई। डीजल टैंक के पिट्स, डीप पाइप व ढक्कन बेहद जीर्ण-शीर्ण स्थिति में मिले। डीजल टैंक में वॉटर पेस्ट टेस्ट भी किया गया तो अभी भी पानी भरा हुआ मिला। डिपो अधिकारियों के स्तर पर मॉनीटङ्क्षरग न होने की लापरवाही सामने आई। वहीं, बस अड्डे की जांच में पूछताछ खिड़की के पास ही गदंगी पड़ी हुई मिली। करीब चार घंटे की जांच पड़ताल के बाद टीम वापस लौट गई।
...तो इसलिए आया बसों में पानी
जांच में पता चला कि जिस दिन बसों में डीजल भरा गया था, उससे कुछ देर पहले ही 12 हजार लीटर डीजल डिपो पहुंचा था। तभी बारिश से जलभराव हो गया। टैंक तक पानी पहुंचने से घनत्व के कारण पानी नीचे रह गया। पंप का पाइप नीचे से डीजल की आपूर्ति करता है, इसलिए जिन बसों में शुरू में डीजल भरा गया, उनमें पानी पहुंच गया।
सीसी कैमरे की रिकार्डिंग जांची
महाप्रबंधक निधि यादव ने डीजल चोरी की आशंका को देखते हुए डिपो में लगाए गए सभी सीसी कैमरों की लगभग दो घंटे की रिकार्डिंग भी जांची। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप व भूमिगत टैंक के ऊपर सीसी कैमरे लगे हैं। डीजल चोरी या पानी मिलाने जैसी कोई बात सामने नहीं आई।
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नाले का पानी का भी रिसाव
तकनीकी जांच में पाया गया कि डिपो के बाहर बह रहे भूमिगत नाले के पानी का भी रिसाव पेट्रोल पंप के डीजल टैंक में हो रहा है। टैंक में काफी सीपेज मिली।
नहीं पहुंचे आइओसी अधिकारी
आइओसी के अधिकारियों को पेट्रोल पंप की जांच के लिए सोमवार को बुलाया गया था, मगर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। अभी तक आइओसी की टीम न आने से डीजल टैंक से पानी नहीं निकाला जा सका है।
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