Move to Jagran APP

बसों पानी मिला डीजल डालने के मामले में आया नया मोड, आइओसी से होगी डीजल की रिकवरी

रोडवेज की बसों पानी मिला डीजल डाले जाने के मामले में नया मोड आ गया है। पानी के चलते जितना डीजल खराब हुआ है उसकी रिकवरी आइओसी से की जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 09:56 AM (IST)
बसों पानी मिला डीजल डालने के मामले में आया नया मोड, आइओसी से होगी डीजल की रिकवरी
बसों पानी मिला डीजल डालने के मामले में आया नया मोड, आइओसी से होगी डीजल की रिकवरी

देहरादून, जेएनएन। रुड़की डिपो स्थित पेट्रोल पंप से रोडवेज की बसों पानी मिला डीजल डाले जाने के मामले में नया मोड आ गया है। पहले आशंका जताई जा रही थी कि डीजल टैंक से डीजल चुराने के बाद उसमें पानी मिलाया गया है, लेकिन जांच में पता चला है कि टैंक में पानी डिपो में बारिश के कारण जलभराव की वजह से पहुंचा। इतना ही नहीं, भूमिगत डीजल टैंक बेहद जर्जर स्थिति में मिला। उसके पाइप व ढक्कन भी टूटे हुए थे। महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव ने बताया कि एक साल पूर्व से डिपो स्तर पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन से संपर्क कर टैंक की मरम्मत के लिए पत्राचार किया जा रहा था, लेकिन मरम्मत का कार्य नहीं किया गया। टैंक में लीकेज भी सामने आई है। महाप्रबंधक ने बताया कि पानी के चलते जितना डीजल खराब हुआ है, उसकी रिकवरी आइओसी से की जाएगी।

loksabha election banner

शनिवार की सुबह रुड़की डिपो पर लगे पेट्रोल पंप से डीजल भराकर गई अल्मोड़ा, रुद्वपुर, हलद्वानी, ऋषिकेश व रुड़की डिपो की बसें रास्ते में खराब हो गई थी। बताया गया कि सभी बसों के बसों में डीजल टैंक में 25 से 30 लीटर पानी भरा हुआ मिला। अपने पंप से पानी मिला डीजल बसों में भरे जाने पर प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने महाप्रबंधक (प्रशासन) निधि यादव को जांच सौंपी थी। सोमवार सुबह महाप्रबंधक निधि यादव, मंडलीय प्रबंधक (तकनीकी) अनूप रावत तकनीकी टीम के साथ रुड़की डिपो पहुंचे। पेट्रोल पंप की जांच-पड़ताल में रखरखाव की अनदेखी पाई गई। डीजल टैंक के पिट्स, डीप पाइप व ढक्कन बेहद जीर्ण-शीर्ण स्थिति में मिले। डीजल टैंक में वॉटर पेस्ट टेस्ट भी किया गया तो अभी भी पानी भरा हुआ मिला। डिपो अधिकारियों के स्तर पर मॉनीटङ्क्षरग न होने की लापरवाही सामने आई। वहीं, बस अड्डे की जांच में पूछताछ खिड़की के पास ही गदंगी पड़ी हुई मिली। करीब चार घंटे की जांच पड़ताल के बाद टीम वापस लौट गई।

 ...तो इसलिए आया बसों में पानी

जांच में पता चला कि जिस दिन बसों में डीजल भरा गया था, उससे कुछ देर पहले ही 12 हजार लीटर डीजल डिपो पहुंचा था। तभी बारिश से जलभराव हो गया। टैंक तक पानी पहुंचने से घनत्व के कारण पानी नीचे रह गया। पंप का पाइप नीचे से डीजल की आपूर्ति करता है, इसलिए जिन बसों में शुरू में डीजल भरा गया, उनमें पानी पहुंच गया।

सीसी कैमरे की रिकार्डिंग जांची

महाप्रबंधक निधि यादव ने डीजल चोरी की आशंका को देखते हुए डिपो में लगाए गए सभी सीसी कैमरों की लगभग दो घंटे की रिकार्डिंग भी जांची। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप व भूमिगत टैंक के ऊपर सीसी कैमरे लगे हैं। डीजल चोरी या पानी मिलाने जैसी कोई बात सामने नहीं आई।

यह भी पढ़ें: ब्रेफिक्र रहें, अभी नहीं हो रहा है वाहनों का चालान Dehradun News

नाले का पानी का भी रिसाव

तकनीकी जांच में पाया गया कि डिपो के बाहर बह रहे भूमिगत नाले के पानी का भी रिसाव पेट्रोल पंप के डीजल टैंक में हो रहा है। टैंक में काफी सीपेज मिली।

नहीं पहुंचे आइओसी अधिकारी

आइओसी के अधिकारियों को पेट्रोल पंप की जांच के लिए सोमवार को बुलाया गया था, मगर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। अभी तक आइओसी की टीम न आने से डीजल टैंक से पानी नहीं निकाला जा सका है। 

यह भी पढ़ें: पेट्रोल में पानी मिलाने पर हंगामा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से शिकायत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.