धूलिया कहता था, उत्तराखंड विश्वविद्यालय में जो वो चाहेगा वही होगा
ठगी के शिकार लोगों का दावा है कि धूलिया उन्हें प्रभाव में लेने को बड़ी-बड़ी डींगे मारता। कहता कि उसका विश्वविद्यालय से टाईअप है। जो वह चाहेगा विवि प्रशासन वही करेगा।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड विश्वविद्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले धूलिया बंधुओं के कई कारनामे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। ठगी के शिकार लोगों का दावा है कि वह उन्हें प्रभाव में लेने को बड़ी-बड़ी डींगे मारता। कहता कि उसका विश्वविद्यालय से टाईअप है। जो वह चाहेगा विवि प्रशासन वही करेगा। वह यह सब निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्र के दम पर कहता था, जो इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में है।
बता दें कि बता दें कि मृणाल धूलिया पुत्र दिनेश चंद्र धूलिया निवासी जीटीएम, मोहकमपुर व उसके भाई नीरज धूलिया ने नेहरू कॉलोनी में ओजस्वी एसोसिएट्स के नाम से ऑफिस खोल रखा था। दोनों उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में पंचकर्म अस्पताल का पीपीपी मोड पर संचालन भी करते थे। इसी के चलते मृणाल की नजदीकी तत्कालीन कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा से हुई और बाद में वह खुद को विवि का ही संचालक बताने लगा। इस बीच, विश्वविद्यालय में 135 पदों की भर्ती निकली।
मृणाल धूलिया और उसके भाई ने एसोसिएट प्रोफेसर, लैब टेक्नीशियन व अन्य पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को वसूली शुरू कर दी। दावा करता था कि कुछ महीने पहले विवि में निकली भर्ती को उसने ही निरस्त कराई थी। वह इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते कि लोग सहज ही उसकी बात पर यकीन कर लेते। मामले में फिलहाल अब तक 15 लोगों ने 1.41 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया है।
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
बीते साल जून में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में पंचकर्म का कोर्स कर रहे छात्रों ने एसएसपी को पत्र भेज कर मृणाल धूलिया और उसकी पत्नी योगिता धूलिया पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। छात्रों का आरोप था कि उन सभी ने अगस्त 2016 में पंचकर्म पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। मई 2017 में परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। मगर उन्हें न तो अंकपत्र मिला और न ही प्रमाण पत्र। इस पर जब तत्कालीन कुलसचिव से मुलाकात कर उन्हें मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि इससे उनका कोई लेनादेना नहीं है।
दो बैंक खातों का चला पता
नेहरू कॉलोनी पुलिस को मृणाल धूलिया के दो बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी मिल गई है। पुलिस अब संबंधित बैंक से अकाउंट के लेनदेन के बारे में ब्योरा मांग रही है। इंस्पेक्टर राजेश शाह ने बताया कि बैंक अकाउंट की डिटेल आने के बाद अन्य खातों के बारे में भी पता चलेगा। वहीं, धूलिया बंधुओं का अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
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