धारचूला व मुंस्यारी में कब्जेधारकों को मिलेगी राहत
प्रदेश सरकार धारचूला व मुंस्यारी के दूरस्थ स्थानों पर रहने वालों को राहत प्रदान करने की तैयारी कर रही है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार धारचूला व मुंस्यारी के दूरस्थ स्थानों पर रहने वालों को राहत प्रदान करने की तैयारी कर रही है। सरकार ने सरकारी अथवा वन भूमि पर काबिज लोगों को मालिकाना हक के संबंध में जिलाधिकारी के पास आवेदन करने को कहा है, जिससे यह देखा जा सके कि ये लोग किस प्रकार की भूमि पर रह रहे हैं और कैसे इन्हें राहत दी जा सकती है।
शुक्रवार को कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने सदन में धारचूला व मुंस्यारी क्षेत्र में रहने वाले लोगों का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के विभिन्न गांवों में लोग कई पीढि़यों से रह रहे हैं। इन्होंने चीन युद्ध में भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दिया। ये लोग सीमाओं के सच्चे प्रहरी हैं। अब हाल ही में सरकार ने यहां रहने वाले कई लोगों को सरकारी भूमि पर काबिज होने के नाम पर मकान ध्वस्त करने और इन्हें बेदखल करने के नोटिस दिए जा रहे हैं। इससे लोगों में असंतोष का माहौल है। एक ओर सरकार पलायन पर रोक लगाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वालों को परेशान किया जा रहा है।
सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जो परिवार जहां है, उसे वहीं व्यवस्थित किया जाए और उन्हें अधिकार दिए जाएं। कुछ प्रकरण सरकार की संज्ञान में आए हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है। इस मामले में सरकार संवेदनशील है। ऐसे सभी लोग जिलाधिकारी के पास आवेदन करें, जो मानकों के अंतर्गत होगा उस हिसाब से सरकार उचित निर्णय लेगी।