उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत बोले, पर्वतीय जलस्रोतों को बचाना होनी चाहिए प्राथमिकता
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जलस्रोतों को बचाना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। जल संरक्षण समय की मांग है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर प्राकृतिक जलस्रोत तालाब धारों के संरक्षण का बीड़ा उठाना होगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जलस्रोतों को बचाना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। जल संरक्षण समय की मांग है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर अपने आसपास के प्राकृतिक जलस्रोत, तालाब, धारों के संरक्षण का बीड़ा उठाना होगा। इससे ही हम धरा को हरा-भरा रख सकते हैं। वह विश्व जल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) व लक्ष्य सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजपुर रोड में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि डीएवी पीजी कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पत्नी रश्मि त्यागी रावत ने अपने संबोधन में जल संरक्षण में महिलाओं का विशेष योगदान बताया। उन्होंने कहा कि घर में जल प्रबंधन मातृशक्ति पुराने समय से करती आ रही है। जल बचाने का प्रयास सामूहिक रूप से करना चाहिए।
यूसर्क की निदेशक डॉ. अनीता रावत ने विश्व जल दिवस को मनाए जाने के इतिहास पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज सभी को जल बचाने की आवश्यकता है। साथ ही विद्यार्थियों और आमजन के बीच जल के संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। इस मौके पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, आइसीएआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डीवी सिंह, अमित पोखरियाल, डॉ. मंजू सुंदरियाल, प्रकाश नौटियाल आदि मौजूद रहे।
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