Move to Jagran APP

Sarv Pitru Amavasya 2020: हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने पितृ अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर किया तर्पण

Sarv Pitru Amavasya 2020 गुरुवार को पितृ अमावस्या पर कोरोना से बेख़ौफ़ यात्रियों ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर अपने पितरों के निमित्त तर्पण कराया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 10:43 AM (IST)
Sarv Pitru Amavasya 2020: हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने पितृ अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर किया तर्पण
Sarv Pitru Amavasya 2020: हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने पितृ अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर किया तर्पण

हरिद्वार, जेएनएन। Sarv Pitru Amavasya 2020 कोरोनाकाल के अनलॉक-4 में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए हरकी पैड़ी पर यात्रियों के स्नान पर प्रतिबंध की चर्चाओं के बीच पितृ अमावस्या पर कोरोना से बेख़ौफ़ यात्रियों ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर अपने पितरों के निमित्त तर्पण कराया। हरकी पैड़ी पर किसी भी तरह की रोक टोक यात्रियों के लिए नही थी।

loksabha election banner

पितृ मोक्ष अमावस्या पर तर्पण के साथ पितरों की विदाई की गई। श्राद्ध पक्ष का समापन होने के चलते इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस दिन उन मृत लोगों के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण कर्म किए जाते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं होती है। साथ ही, अगर किसी कारण से मृत सदस्य का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं तो अमावस्या पर श्राद्ध कर्म किए जा सकते हैं। 

ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शास्त्री ने बताया कि पितृ मोक्ष अमावस्या पर सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों के पिंडदान आदि शुभ कर्म करना चाहिए। मान्यता है कि पितृ पक्ष में सभी पित्र देवता धरती पर अपने कुल के घरों में आते हैं और धूप-ध्यान, तर्पण आदि ग्रहण करते हैं। अमावस्या पर सभी पित्र अपने लोक लौट गए।

वहीं, पितृ अमावस्या पर हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान शुरू हो गया था। अल सुबह से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर स्नान, दान के साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान सहित तिलांजलि ओर जलांजलि अर्पित कर विदाई दी।

यह भी पढ़ें: Pitru Amavasya 2020: इस साल इन खास संयोगों में होगी पितरों की विदाई, विसर्जन की संध्या पर ये करना न भूलें

ऋषिकेश में गंगा तटों पर श्रद्धालुओं ने अपने पितरों को दिया तर्पण

ऋषिकेश में पितृ मोक्ष अमावस्या के मौके पर त्रिवेणी घाट सहित लक्ष्मण झूला, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र के गंगा तटों पर श्रद्धालुओं ने अपने पितरों को तर्पण दिया। पितृ अमावस्या पर ऋषिकेश ही नहीं, बल्कि आसपास जनपद और कस्बों में रहने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां तर्पण के लिए पहुंच रहे हैं। घाटों पर आज श्रद्धालुओं ने अमावस्या के मौके पर डुबकी भी लगाई। यहां मौजूद गरीबों को श्रद्धालुओं ने दान पुण्य भी किया।

ग्रामीण इलाकों में परंपरा अनुसार पितरों की पूजा अर्चना की

गुरुवार को पितृ विसर्जन के अवसर पर जौनसार-बावर के प्रमुख पर्यटन स्थल देवनगरी लाखामंडल व हनोल समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में परंपरा अनुसार पितरों की पूजा अर्चना की गई। साथ ही पितरों को कई प्रकार के व्यंजन का भोग लगाकर उन्हें विदाई दी। इसके बाद कांश की पत्ती व पितरों को लगाए भोग को पास के यमुना व तमसा नदी में प्रवाहित किया गया। पितरों से आशीर्वाद लेने के बाद स्थानीय लोगों ने मंदिरों में जाकर घर-परिवार के खुशहाली की कामना की।

यह भी पढ़ें: Pinddan: ब्रह्मकपाल तीर्थ में एक हजार श्रद्धालु करा चुके पिंडदान, जानिए क्‍या है यहां की मान्‍यता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.