‘शहिरे छोडिके गांव आएंगे’ जौनसारी गीत की धूम, यू ट्यूब पर मिले 84 हजार से ज्यादा व्यूज
कोरोना महामारी पर जौनसार निवासी युवा गीतकार देवेंद्र रावत की रचना को लोक गायक अतर शाह ने अपनी आवाज से संवारा तो इस गीत ने दिन दिनों धमाल मचा दिया।
देहरादून, जेएनएन। देश-दुनिया में फैली कोरोना महामारी पर जौनसार निवासी युवा गीतकार देवेंद्र रावत की रचना को लोक गायक अतर शाह ने अपनी आवाज से संवारा तो इस गीत ने दिन दिनों धमाल मचा दिया। कोरोना पर जौनसारी भाषा में बने इस लोक गीत को दो हफ्ते में यू ट्यूब पर 84 हजार से ज्यादा व्यूज मिले हैं। जौनसारी गीत में कोरोना के चलते शहरों में बसे पहाड़ के लोगों के वापस गांव लौटने का वर्णन किया गया है। पलायन की पीड़ा ङोल रहे पहाड़ का दर्द तो इसमें शामिल है ही, इन दिनों वापस लौटी आबादी से मिल रहे खुशनुमा माहौल का भी जिक्र है।
जौनसार के टुंगरा निवासी युवा गीतकार एवं रचनाकर देवेंद्र रावत ने कोरोना महामारी से देश-दुनिया में मचे कोहराम के बीच जौनसारी भाषा में इसकी प्रस्तुति दी है। शहर से वापस पहाड़ की तरफ लौट रहे जौनपुरी, जौनसारी, हिमाचली व गढ़वाली समाज के लोगों का अपने गीत में इन्होंने वर्णन किया है।
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कोरोना महामारी व पलायन पर आधारित संदेश में गीतकार देवेंद्र रावत की रचना को लोक गायक अतर शाह ने अपनी आवाज दी है। यू ट्यूब पर धूम मचा रहे इस जौनसारी गीत के बोल ‘देश-विदेशों दी बुरी चली कोरोना बीमारी, शहिरे छोडिके गांव आएंगे जौनपुरी-जौनसारी’ संदेश में पलायन की पीड़ा ङोल रहे पहाड़ के गांव फिर से आबाद व खुशहाल हो रहे हैं, इसका काफी हर्षित माहौल में वर्णन किया गया है। लोक संगीत के लिए समर्पित देवेंद्र रावत ने कहा कि वर्ष-2003 से लेकर अब तक वह नब्बे से अधिक गीतों की रचना कर चुके हैं।
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