Chardham Yatra 2020: उत्तराखंड के तीन जिलों के लोग कर सकेंगे धामों के दर्शन
उत्तराखंड के तीन जिलों के स्थानीय लोगों को धामों में दर्शन की इजाजत दे दी गई है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के तीन जिलों के स्थानीय लोगों को धामों में दर्शन की इजाजत दे दी गई है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए। इसके मुताबिक चमोली जिले के स्थानीय लोग बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के लोग गंगोत्री व यमुनोत्री में दर्शनार्थ जा सकेंगे। इसके लिए इन जिलों के स्थानीय लोगों को अपने-अपने जिला व स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। बोर्ड ने धामों के लिए दर्शनार्थियों की संख्या का निर्धारण भी कर दिया है। चारधाम में जिन संस्थाओं, व्यक्तियों के होटल, गेस्ट हाउस समेत अन्य परिसंपत्तियां हैं, उन्हें भी रखरखाव एवं मरम्मत के लिए वहां जाने की अनुमति दी जाएगी। ये व्यवस्थाएं 30 जून तक के लिए की गई हैं। बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के मुताबिक परिस्थितियों को देखते हुए 30 जून से पहले रिव्यू किया जाएगा और फिर चारधाम यात्रा के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दिए जाने के बाद प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा के संबंध में निर्णय लेने का जिम्मा उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को सौंप दिया था। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन के निर्देश पर चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के डीएम ने तीर्थ पुरोहितों, हक-हकूकधारियों के साथ बीते रोज बैठक की। तीनों जिलों में स्थापित चारधाम के हक-हकूकधारियों ने कोविड-19 के मद्देनजर यात्रा को 30 जून तक रद रखने पर सहमति जताई।
बोर्ड के सीईओ रमन के मुताबिक चारधाम के अधिकांश हक-हकूकधारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि स्थानीय स्तर पर स्थानीय लोगों के सभी सावधानियां बरतते हुए सीमित संख्या में मंदिरों के दर्शनों पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही होटल, गेस्ट हाउस स्वामियों के साथ ही जीएमवीएन, देवस्थानम बोर्ड की परिसंपत्तियों के रखरखाव, मरम्मत के लिए भी सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दिए जाने पर भी अनापत्ति दी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सीईओ के अनुसार राज्य के बाहर के लोगों को धार्मिक स्थलों में जाने की अनुमति वर्तमान में नहीं है। इसे देखते हुए तीनों जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के लोगों को अपने-अपने जिलों के धामों में दर्शनार्थ जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। परिसंपत्तियों के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए संबंधित लोगों व संस्थाओं को धामों में जाने की अनुमति दी गई है।
श्रद्धालुओं की दैनिक संख्या
- धाम---------संख्या (अधिकतम)
- बदरीनाथ---------1200
- केदारनाथ----------800
- गंगोत्री-------------600
- यमुनोत्री-----------400
बदरीनाथ यात्रा खोलने पर मिश्रित प्रतिक्रिया
बदरीनाथ यात्रा स्थानीय लोगों को खोले जाने पर हक-हकूकधारियों व पंडा पुजारियों में मिश्रित प्रतिक्रिया है। उनका कहना है कि सरकार को यहां आने वाले यात्रियों की रहने खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता का कहना है कि बदरीनाथ में फिलहाल ठहरने व खाने की वयवस्था नहीं है। जिले से अगर यात्री आते हैं तो उनकी ठहरने खाने की परेशानी का समाधान कैसे होगा। हमने तो पहले ही यात्रा इस माह नहीं चलाने का प्रस्ताव दिया था। हक-हकूकधारी जगदीश पंवार ने कहा कि स्थानीय कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठानों की मरम्मत के लिए खुद व मजदूरों को ले जाने की अनुमति तो ठीक है, लेकिन जिले से ही यात्रियों के आने से बदरीनाथ में अव्यवस्था होगी।
केदारनाथ यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू कराना चाहते हैं तीर्थ पुरोहित
वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि केदारनाथ यात्रा को अभी शुरू किया जाना ठीक नहीं है। रुद्रप्रयाग जनपद में भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित व्यक्ति आ जा रहे हैं। ऐसे में अभी यात्रा को शुरू किया जाना उचित नहीं है। सरकार को चरणबद्ध तरीके से यात्रा शुरू करने का सुझाव दिया गया था। पूरे विश्व में कोरोनावायरस के बावजूद चार धाम के कपाट खुलना एक उपलब्धि है, और अब यदि कोई करोना संक्रमितधाम तक नहीं पहुंचता है, तो यह भी एक बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन यात्रा शुरू करने से इसकी संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
व्यापार संघ केदारनाथ के अध्यक्ष व तीर्थ पुरोहित महेश बगवाड़ी कहते हैं कि यात्रा को शुरू करने से पहले केदारनाथ धाम में तमाम व्यवस्थाएं सुचारू करने की जरूरत है। स्थानीय स्तर पर दुकान, होटल लॉज पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चर समेत अन्य कई महत्वपूर्ण सुविधाएं यदि बहाल नहीं हो पाती है, तो ऐसे में केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को तमाम परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सरकार को पहले धाम में सभी व्यवस्थाएं सुचारू करनी चाहिए, साथ ही धाम में कोरोना वायरस न पहुंचे, इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
धामों में सुबह सात से शाम सात बजे तक होंगे दर्शन
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की ओर से तीन जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के स्थानीय लोगों को अपने-जिलों में स्थित धामों में दर्शन की अनुमति दिए जाने के साथ ही दर्शन का समय भी निर्धारित कर दिया है। बोर्ड की ओर से जारी मानक प्रचालन विधि (एसओपी) के मुताबिक चारों धामों में दर्शन का समय सुबह सात से शाम सात बजे तक रहेगा।
दर्शनार्थियों को सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करने के साथ ही मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही टोकन व्यवस्था भी अनिवार्य की गई है, जो धाम में पहुंचने पर बोर्ड की ओर से निर्धारित काउंटर से निश्शुल्क मुहैया कराए जाएंगे। एक व्यक्ति को एक समय में तीन से अधिक टोकन नहीं मिलेंगे। दर्शन टोकन में तय समय व तिथि अंकित होगी। तय समय के भीतर करने व्यक्ति को दर्शन करने होंगे। टोकन की जांच केदारनाथ में मुख्य द्वार और बदरीनाथ में सिंहद्वार में होगी।
ये भी हैं दिशा-निर्देश
-बदरीनाथ में एक घंटे में अधिकतम 120 और केदारनाथ में 80 लोग अनुमन्य
-बदरीनाथ में मंदिर के भीतर दर्शन को 30 सेकंड और केदारनाथ में एक मिनट का समय अनुमन्य -केदारनाथ में 120 मीटर की होगी दर्शनार्थियों की पंक्ति, जबकि बदरीनाथ में 240 मीटर।
-धामों में दो-दो मीटर की दूरी पर बनाए गए गोलों में खड़े होंगे दर्शनार्थी -विशेष पूजाएं संपादित करने वाले यात्रियों को सुरक्षित शारीरिक दूरी के दृष्टिगत पूजा कराने की होगी बाध्यता
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