उत्तराखंड : ऊर्जा निगम में एई-जेई पदों पर प्रतिनियुक्ति से तैनाती
ऊर्जा निगम में विद्युत व यांत्रिक सहायक अभियंता और अवर अभियंता के रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा। अन्य निगमों या राज्यों के विद्युत निगमों से प्रतिनियुक्ति पर तैनाती की जा सकेगी। शासन ने इस संबंध में निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। ऊर्जा निगम में विद्युत व यांत्रिक सहायक अभियंता और अवर अभियंता के रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा। अन्य निगमों या राज्यों के विद्युत निगमों से प्रतिनियुक्ति पर तैनाती की जा सकेगी। शासन ने इस संबंध में निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दिए हैं।
अपर सचिव ऊर्जा भूपेश तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि अभियंताओं के रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति से तैनाती ऊर्जा निगम की प्रचलित नियमावली के अनुसार निर्धारित अर्हता पूरी करने वालों से की जाएगी। अन्य निगमों या अन्य राज्यों के विद्युत निगमों के कार्मिकों की समकक्ष पदों पर प्रतिनियुक्ति अवधि दो वर्ष होगी। प्रतिनियुक्ति पर आने वाले कार्मिकों का व्ययभार निगम अपने स्वयं के वित्तीय संसाधनों से वहन करेगा।
सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति अथवा दो वर्ष की अवधि जो भी पहले पूरी हो, स्वत: समाप्त समझी जाएगी। दोबारा प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता होने पर शासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। प्रतिनियुक्ति के संबंध में शेष शर्तें वित्त विभाग के शासनादेशों के अनुसार रहेंगी। गौरतलब है कि उक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति से तैनाती के संबंध में ऊर्जा निगम प्रबंध निदेशक की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था। निगम में विद्युत यांत्रिक अवर अभियंताओं के ही तकरीबन 100 पद रिक्त हैं। बताया गया कि रिक्त पदों पर ऊर्जा निगम भर्तियां नहीं कर पा रहा है। इस वजह से शासन ने उक्त प्रस्ताव को मंजूरी दी।
दूसरे संवर्ग के कार्मिकों को सदस्य न बनाने पर रखा पक्ष
सचिवालय संघ में दूसरे संवर्ग के कार्मिकों को सदस्य बनाए जाने को लेकर गठित समिति के सामने आपत्तियां आनी शुरू हो गई हैं। संघ के उपाध्यक्ष संदीप चमोला ने सचिवालय संघ के संविधान का हवाला देते हुए दूसरे संवर्ग के कार्मिकों को सदस्य बनाया जाना विधि विरुद्ध बताया है। समिति के सामने प्रस्तुत अपनी आपत्ति में संघ के उपाध्यक्ष ने कहा है कि सचिवालय संघ के संविधान में स्पष्ट किया गया है कि सचिवालय संवर्ग के कार्मिक इसके सदस्य होंगे। सचिवालय परिसर में गठित प्रकोष्ठों में कार्यरत कार्मिक सचिवालय संवर्ग के बाहर हैं, इसलिए वे संघ की सदस्यता के पात्र नहीं हैं। सचिवालय परिसर में कार्यरत होना संघ की पात्रता है तो फिर चिकित्सालय, बैंक, पुलिस आदि के कार्मिक भी संघ में शामिल करने के पात्र हो जाते हैं। ऐसे में संघ के इस प्रस्ताव को अस्वीकृत किया जाए।
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