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उत्तराखंड में जल के कल पर सवाल, 20 साल बाद भी लागू नहीं की नीति, पढ़िए खबर

राजधानी दून में भूजल पर निर्भरता 90 फीसद तक बढ़ गई है और अधिक दोहन वाले मैदानी क्षेत्रों में भूजल 20 सेंटीमीटर सालाना की दर से नीचे भी सरकने लगा है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 09:50 PM (IST)
उत्तराखंड में जल के कल पर सवाल, 20 साल बाद भी लागू नहीं की नीति, पढ़िए खबर
उत्तराखंड में जल के कल पर सवाल, 20 साल बाद भी लागू नहीं की नीति, पढ़िए खबर

देहरादून, जेएनएन। राजधानी दून में भूजल पर निर्भरता 90 फीसद तक बढ़ गई है और अधिक दोहन वाले मैदानी क्षेत्रों में भूजल 20 सेंटीमीटर सालाना की दर से नीचे भी सरकने लगा है। इसके पीछे की वजह अवैध रूप से भोजन का दोहन करने वाले बोरवेल व ट्यूबवेल हैं। इस पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी संबंधित उपजिलाधिकारी की होती है, मगर प्रशासन ध्यान नहीं देता। 

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दूसरी तरफ केंद्रीय भूजल बोर्ड व उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकते रहते हैं। सबसे बड़ी चिंता यह भी है कि 20 साल में भी उत्तराखंड अपनी जल नीति लागू नहीं कर सका है।

पिछले साल के अंत में जरूर सिंचाई विभाग ने जल नीति तैयार कर कैबिनेट से उसे मंजूरी भी दिला दी, मगर इस पर पेयजल निगम, जल संस्थान जैसे महकमों को अपने-अपने स्तर पर कुछ औपचारिकता निभानी है। इसी इंतजार में नीति लागू नहीं हो पा रही। दूसरी तरफ मौजूदा समय में उत्तराखंड जल नियामक आयोग का संचालन भी अधर में लटका है। यह भी एक बड़ा कारण है कि भूजल का अनियंत्रित दोहन जारी है।

सूचना आयोग की पहल पर जरूर पिछले साल जून माह में अवैध बोरवेल की जांच कराई गई थी और सितंबर माह तक इसकी रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी थी। जांच में देहरादून में ही 652 अवैध बोरवेल/ट्यूबवेलका पता भी चला था। सभी उपजिलाधिकारियों ने नोटिस भी जारी किए थे। मगर, बात इससे आगे नहीं बढ़ पाई।  

एनजीटी की सख्ती का भी असर नहीं

वर्ष 2018 के अंत में एनजीटी ने आदेश जारी किया था कि भूजल का दोहन करने वाले बड़े स्तर के प्रतिष्ठान भूजल बोर्ड से इसकी एनओसी लेंगे। यह अवधि मार्च 2019 तक बढ़ाई गई। इसके बाद भी एक हजार के करीब प्रतिष्ठान ही एनओसी के लिए आगे आए।

देहरादून शहर में अवैध बोरवेल की स्थिति

उत्तर जोन-----------50 बोरवेल/ट्यूबवेल

दक्षिण जोन-----------14 बोरवेल/ट्यूबवेल

शामिल प्रमुख इलाके 

राजपुर रोड, चकराता रोड, अधोईवाला, सहारनपुर रोड, हरिद्वार रोड, देहराखास, बाईपास रोड, रायपुर, सहस्रधारा रोड, रेसकोर्स।

देहरादून व उससे सटे क्षेत्र

पित्थूवाला जोन-----------99 बोरवेल/ट्यूबवेल

प्रमुख इलाके 

जीएमएस रोड, इंदिरा नगर, टर्नर रोड, सेवला कलां, बड़ोवाला, आइएसबीटी क्षेत्र, माजरा, पंडितवाड़ी।  

दून के बाहरी इलाके

विकासनगर/कालसी-----------98 बोरवेल/ट्यूबवेल

प्रमुख इलाके-----विकासनगर शहर, कालसी गेट, लक्ष्मीपुर, जीवनगढ़।

रायपुर क्षेत्र-----------97 बोरवेल/ट्यूबवेल

प्रमुख इलाके-जोगीवाला, राजीव नगर, सरस्वती विहार।

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सहसपुर क्षेत्र-----------66 बोरवेल/ट्यूबवेल

प्रमुख इलाके---झाझरा, सुद्धौंवाला, कोल्हूपानी, बिधोली, सेलाकुई, पौंधा।

डोईवाला/दूधली क्षेत्र-----------214 बोरवेल/ट्यूबवेल

प्रमुख इलाके----दूधली, जौलीग्रांट, खट्टा पानी, बुल्लावाला, अठूरवाला-कंडल, फतेहपुर, शेरगढ़, माजरी ग्रांट, लाल तप्पड़, बड़कोट, भोगपुर, रानीपोखरी, छिद्दरवाला।

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