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शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- प्रमाण पत्रों की जांच करवाना विभाग की जिम्मेदारी

प्रारंभिक शिक्षकों के शैक्षिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों की जांच नियोक्ता विभाग के बजाय स्वयं शिक्षकों द्वारा करवाए जाने के आदेश से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। शिक्षकों ने इस आदेश को तर्कहीन बताते हुए विभाग से तुरंत इसे निरस्त करने की मांग की है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:10 AM (IST)
शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- प्रमाण पत्रों की जांच करवाना विभाग की जिम्मेदारी
प्रमाण पत्रों की जांच करवाना विभाग की जिम्मेदारी।

देहरादून, जेएनएन। शिक्षा विभाग के प्रारंभिक शिक्षकों के शैक्षिक, प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों की जांच नियोक्ता विभाग के बजाय स्वयं शिक्षकों द्वारा करवाए जाने के आदेश से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। शिक्षकों ने इस आदेश को तर्कहीन बताते हुए विभाग से तुरंत इसे निरस्त करने की मांग की है। शिक्षकों का यह भी कहना है कि विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ कर हर काम शिक्षकों के मत्थे मढ़ रहा है। उन्होंने यह आदेश जल्द निरस्त न होने की स्थिति में प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

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बता दें कि, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को सभी प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल शिक्षकों के शैक्षणिक के साथ ही प्रशिक्षण, प्रमाण पत्रों की जांच के निर्देश दिए थे। पूर्व में विभाग द्वारा आदेश होने के बाद शिक्षकों ने अपने शैक्षणिक प्रशिक्षण और अन्य प्रमाण पत्रों की तीन कॉपी शिक्षा विभाग में जमा करवाई थी। इस आदेश के बाद शिक्षकों ने भविष्य में विभाग को दोबारा को कोई भी शैक्षणिक प्रमाण पत्र उपलब्ध न करवाने का अल्टीमेटम दे दिया था। अब विभाग ने नया आदेश जारी कर इन शिक्षकों को अपने बोर्ड और विश्वविद्यालय खुद जाकर अपने प्रमाण पत्र सत्यापित करवाने और इसकी आख्या विभाग को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। इससे शिक्षकों का आक्रोश दोगुना हो गया है। 

प्राथमिक शिक्षक संघ और जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने इसका खुलकर विरोध जताना शुरू कर दिया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान का कहना है कि विभाग के कहने पर पहले ही शिक्षक कई दफा अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा कर चुके हैं, लेकिन खुद अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र सत्यापित करवाना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं। उन्होंने शिक्षा निदेशक से इस आदेश को तुरंत निरस्त करने की मांग की है।

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उधर, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने कहा कि शैक्षिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों की जांच की जिम्मेदारी विभाग या नियोक्ता की होती है। अगर विभाग किसी भी शिक्षक के दस्तावेज दस्तावेजों का सत्यापन चाहता है तो विभाग को यह खुद ही करना होगा। उन्होंने शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में किसी भी शिक्षक की नियुक्ति फर्जी पाए जाने पर उसके नियुक्ति अधिकारी के खिलाफ भी जांच की मांग एवं कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि फर्जी शिक्षकों के खिलाफ और उन्हें नियुक्ति देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है।

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