Move to Jagran APP

ई-वे बिल ब्लॉक करने को जीएसटी काउंसिल में दस्तक, पढ़िए पूरी खबर

ऑनलाइन फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद महकमे ने अब जीएसटी काउंसिल को पत्र भेजकर ई-वे बिल को ब्लॉक करने की सुविधा कर महकमे के अधिकारियों को देने की पैरवी की है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 06:51 PM (IST)
ई-वे बिल ब्लॉक करने को जीएसटी काउंसिल में दस्तक, पढ़िए पूरी खबर
ई-वे बिल ब्लॉक करने को जीएसटी काउंसिल में दस्तक, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। ई-वे बिल को लेकर कर महकमे की टीम ने यदि ऑनलाइन चौकसी सख्त नहीं की होती तो कई राज्यों की आंखों में धूल झोंककर किए जा रहे ऑनलाइन फर्जीवाड़े का खुलासा नहीं हो पाता। ये मामला सामने आने के बाद कर महकमे ने अब जीएसटी काउंसिल को पत्र भेजकर ई-वे बिल को ब्लॉक करने की सुविधा कर महकमे के अधिकारियों को देने की पैरवी की है। 

loksabha election banner

जीएसटी लागू होने के साथ प्रदेश में बिक्री कर महकमे को कर महकमे के रूप में तब्दील तो कर दिया हो, लेकिन अब उसे नई चुनौती से जूझना पड़ रहा है। वैट चोरी रोकने को खासतौर पर दो राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनी चौकियों और कारोबारियों पर चौकस निगाह रखने वाले महकमे की नई जिम्मेदारी में अब ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकना भी शुमार हो गया है। फर्जीवाड़े में लिप्त पाई गईं 70 बोगस फर्मों की दो माह तक की गई जांच महकमे के लिए भी चौंकाने वाली रही। दिल्ली से सामान खरीद के बनाए गए 1200 करोड़ के ई-वे बिल में दर्ज फर्म भी फर्जी बताई जा रही हैं। उत्तराखंड में इस मामले की जांच राज्य और केंद्र के जीएसटी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से की। अब अन्य राज्यों के भी दायरे में आने के बाद जांच पूरी होने के बाद उक्त राज्यों को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। 

सर्विलांस पर 21 मोबाइल नंबर 

उत्तराखंड में जिसतरह ई-वे बिल को दर्शाया गया, उसका रिफंड लेने की कोशिशें कामयाब होती तो राज्य को करीब 220 करोड़ का चूना लग जाता। अब जांच टीम ये पता करने की कोशिश कर रही है कि 26 फर्मों के माध्यम से आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र को दिखाई जा रही चप्पलों की बिक्री से संबंधित ई-वे बिल का रिफंड लेने की कोशिश की जा रही है या नहीं। कर महकमे की कोशिशों से उक्त फर्जीवाड़े में लिप्त 21 मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है। सर्विलांस में उक्त नंबरों की लोकेशन उत्तराखंड से बाहर मिली है। टीम का मानना है कि फर्जीवाड़े में लिप्त लोग दिल्ली और हरियाणा के हो सकते हैं। इनके आईपी एड्रेस खंगालने की तैयारी है। किरायानामा में एक फर्म बीएन एग्जिम का पता फर्जी मिला।   

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में ई-वे बिल में हुआ 8500 करोड़ का फर्जीवाड़ा

ई-वे बिल पर नहीं लगी रोक 

जांच के दौरान टीम ई-वे बिल के इस फर्जीवाड़े को अपने स्तर पर रोकने में खुद को अक्षम पा रही है। दरअसल ई-वे बिल को ब्लॉक करने का अधिकार कर अधिकारियों को नहीं दिया गया है। इस अधिकार को देने की पैरवी के लिए कर महकमे की ओर से जीएसटी काउंसिल को पत्र भेजा जा रहा है। 

Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाले में 54 पर मुकदमा, 66 संस्थान एसआइटी के राडार पर

कर महकमे की सबसे बड़ी जांच 

कर महकमे की ओर से अब तक की सबसे बड़ी जांच में राज्य के 12 उपायुक्त, 55 सहायक आयुक्त, 55 कर अधिकारियों की टीम के साथ कर मुख्यालय के 10 अधिकारियों की कोर टीम को लगाया गया था। कोर टीम में अपर आयुक्त विपिन चंद्र, अनिल सिंह, उपायुक्त सुनीता पांडे, श्याम सुंदर तिरुवा, प्रमोद जोशी, रोहित श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त रंजीत नेगी, सुरेश कुमार के साथ देहरादून की एसटीएफ इकाई शामिल थी। 

यह भी पढ़ें: Scholarship Scam: उत्तराखंड, यूपी और हिमाचल के नौ शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.