दंत चिकित्सकों ने मंत्री से समक्ष रखी समस्याएं
प्रांतीय दंत चिकित्सा सेवा संघ का तृतीय अधिवेशन में दंत चिकित्सकों ने स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी के समक्ष समस्याओं को रखा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि दंत शल्यक संवर्ग की अनदेखी के कारण आज राजकीय चिकित्सालयों में पर्याप्त बजट एंव सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे दंत
देहरादून। प्रांतीय दंत चिकित्सा सेवा संघ का तृतीय अधिवेशन में दंत चिकित्सकों ने स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी के समक्ष समस्याओं को रखा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि दंत शल्यक संवर्ग की अनदेखी के कारण आज राजकीय चिकित्सालयों में पर्याप्त बजट एंव सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे दंत रोगियों को समुचित उपचार भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में मध्यम व निर्बल वर्ग को मजबूरन निजी चिकित्सालयों में महंगा इलाज कराना पडता है।
एक होटल में आयोजित अधिवेशन में वक्ताओं ने कहा कि राज्य के सबसे बड़े चिकित्सालय दून अस्पताल सहित कमोबेश सभी चिकित्सालयों में यही स्थिति है। इस संबंध में कई स्तर पर अनुरोध के बावजूद कोई परिणाम सामने नहीं आया। उन्होंने दंत क्लीनिकों के उच्चीकरण एवं मानिटरिंग के लिए दंत संवर्ग का पृथक निदेशालय, पृथक बजट की व्यवस्था, सभी चिकित्सकों को डीएसीपी का लाभ, सेवा नियमावली में संशोधन एवं पदोन्नति आदि की मांग की।
इसके अलावा स्किल इम्प्रूवमेंट के लिए डेंटल कालेजों में ट्रेनिंग कोर्स, मानकों के अनुरूप राजकीय चिकित्सालयों में दंत सेवा अनुभागों का सृजन, डेंटल हाईजीनिस्ट, लापिक एवं वार्ड ब्वाय के रिक्त पदों पर भर्ती, वाहन भत्ता को 25 आकस्मिक विजिट के नियमों में शीथिलीकरण आदि की भी मांग उठाई गई।
स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों से आधुनिक विधाओं को जोडने का प्रयास किया जा रहा है। पीएचसी स्तर तक दंत संवर्ग का विस्तार किया जाएगा। इसी के मुताबिक कैडर निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डेंटल में जितना सुधार होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ।हम ठहराव की स्थिति में हैं। दुश्वारियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम में विधायक राजकुमार, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. कुसुम नबियाल, अपर निदेशक डॉ. जेडीएस राणा, संघ के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल, महासचिव डॉ. तनुजा पाल आदि मौजूद रहे।
पढ़ें-डेंटिस्ट का डर, 10 साल तक गोंद से चिपकाये दांत