विधायक हॉस्टल में भी डेंगू का डंक, दून में 35 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि
विधायक हॉस्टल में निरीक्षण में अधिकतर कूलरों में गंदा पानी भरा हुआ मिला। जांच में पानी में मच्छर का लार्वा भी मिला है।
देहरादून, जेएनएन। डेंगू का डंक इस कदर गहराता जा रहा है कि आम इलाकों से लेकर 'खास' इलाके तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। जिन 'महानुभावों' के हाथ में प्रदेश की बागडोर है, उनके घरों में भी दस्तक दे चुका है। ये खुलासा शनिवार को उस दौरान हुआ, जब डेंगू की रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम रेसकोर्स स्थित एमएलए ट्रांजिट हॉस्टल में पहुंची।
दरअसल, डेंगू के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को जागरूक कर रही है और घरों से मच्छर के लार्वा का सैंपल तक एकत्र किए जा रहे हैं। इसी दौरान विधायक हॉस्टल में निरीक्षण में अधिकतर कूलरों में गंदा पानी भरा हुआ मिला। जांच में पानी में मच्छर का लार्वा भी मिला है। यह जांच की जा रही कि लार्वा डेंगू मच्छर का है या फिर सामान्य मच्छर का। बहरहाल, पूरा सच तो जांच के बाद सामने आएगा, मगर विधायक हॉस्टल में लार्वा मिलने से प्रदेश सरकार के डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूक होने की पोल जरूर खुल गई।
बीते दिनों केदारनाथ विधायक मनोज रावत की पत्नी विजया रावत की एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। वह पिछले तीन दिन से दून में एमकेपी रोड पर स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में भर्ती हैं। विधायक की पत्नी को डेंगू होने से स्वास्थ्य महकमे के हाथपांव फूले हुए हैं। विधायक रावत ने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर विधायक हॉस्टल में फागिंग कराने को कहा था। इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता के निर्देश पर शनिवार को विभागीय टीम रेसकोर्स विधायक हॉस्टल में पहुंची। जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी की अगुवाई में गई टीम ने निरीक्षण में पाया कि हॉस्टल में जो भी कूलर लगे हुए हैं उनमें से अधिकांश में पानी भरा हुआ है। पूछताछ में यह भी पता चला कि कूलरों में कई दिन से पानी बदला भी नहीं गया है।
इस दौरान रुके हुए पानी में मच्छर का लार्वा भी मिला है। विभागीय टीम ने सभी कूलरों से पानी खाली कराकर नगर निगम के सहयोग से विधायक हॉस्टल परिसर में फागिंग कराई। साथ ही पंपलेट्स बांटकर लोगों को डेंगू की बीमारी के प्रति जागरूक किया गया। कहा गया कि अपने आसपास पानी एकत्र नहीं होने दें। स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू को लेकर निरोधात्मक कार्रवाई में सहयोग नहीं करने वाले भवन स्वामियों का चालान भी कर रही है। इसका उद्देश्य डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर एडीज की सक्रियता को कमजोर करना है।
सीएमओ खुद भी मैदान में
डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच खुद मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके गुप्ता भी मैदान में उतर गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को भी रायपुर क्षेत्र में डेंगू प्रभावित अस्थल गांव आदि इलाकों का दौरा किया। सीएमओ के नेतृत्व में पहुंची टीम ने लोगों के घरों में निरीक्षण कर मच्छर के लार्वा का सर्वे भी किया। चारधाम अस्पताल में भर्ती डेंगू मरीज अनिल नौटियाल के घर का सर्वे भी किया गया। टीम को यहां पर फ्रिज की ट्रे में मच्छर का लार्वा मिला और लार्वा को नष्ट किया गया। लोगों को डेंगू की बीमारी से बचाव की जानकारी दी गई। अफसरों ने आशा कार्यकत्रियों को क्षेत्र का भ्रमण करने के निर्देश दिए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला की टीम ने भी बालावाला क्षेत्र में दौरा कर लोगों को डेंगू की बीमारी से बचने की जानकारी दी। क्षेत्र में बुखार पीड़ितों से भी टीम मिली और नगर निगम को क्षेत्र में फागिंग कराने को कहा गया।
महापौर ने भी किया निरीक्षण
डेंगू को लेकर महापौर सुनील उनियाल गामा ने भी शनिवार शाम रायपुर इलाके में डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। महापौर ने वाणी विहार व शिवलोक कालोनी समेत रामनगर आदि इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने जनता की समस्या को भी सुना और अधिकारियों को तत्काल समस्या का निदान करने का निर्देश दिया।
दून में 35 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि
प्रदेश में डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। आए दिन डेंगू के नए मरीज सामने आ रहे हैं। यूं कहा जा सकता है कि डेंगू की बीमारी पर नियंत्रण करने के लिए स्वास्थ्य व अन्य सहयोगी विभागों की तैयारियों पर मच्छर की सक्रियता भारी साबित हो रही है। शनिवार को भी 35 और नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। सभी मरीज देहरादून के रहने वाले हैं। इस तरह देहरादून में डेंगू पीत मरीजों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है। जबकि, राज्य में यह आंकड़ा 312 तक पहुंच गया है।
यहां रहने वाले उप्र के दो मरीजों में भी डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखकर स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है। क्योंकि बीमारी की रोकथाम और बचाव के लिए विभाग के अब तक के उपाय कामयाब नहीं हो सके हैं। ऐसे में विभागीय अधिकारियों को सूझ नहीं रहा कि आखिर डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता को कमजोर करने के लिए क्या तरकीब अपनाई जाए।
शनिवार को जिन मरीजों की एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है वह देहरादून के रायपुर, करनपुर, जोगीवाला, बद्रीपुर, नेहरूग्राम, सहस्रधारा, नेहरू कॉलोनी, जाखन, कारगी चौक, अधोईवाला, तपोवन, सुभाष रोड, आमवाला, शांति विहार, वाणी विहार, लाडपुर, नवादा व दक्षेस विहार के रहने वाले हैं। रायपुर में इस बार डेंगू का मच्छर जमकर कहर बरपा रहा है। पिछले सवा माह में इस क्षेत्र में डेंगू मरीजों की संख्या डेढ़ सौ के आंकड़े को पार कर गई है। वहीं, विभागीय अधिकारी दावा करते थक नहीं रहे हैं कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को बीमारी के बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जा रही है।
वहीं, सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है। स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। डेंगू मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश भी पूर्व में ही दिए जा चुके हैं। इस क्रम में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल (दून अस्पताल) के अलावा कोरोनेशन अस्पताल व महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। पटेलनगर स्थित श्री महंत इंदिरेश अस्पताल प्रबंधन भी दावा कर रहा है कि अस्पताल में डेंगू मरीजों के उपाचार के लिए दस बेड का अलग वार्ड बनाया गया है।
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