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डेंगू की 'पहेली' बना पथरीबाग, 23 और में पुष्टि

देहरादून के पथरीबाग क्षेत्र में डेंगू के 64 मामले सामने आने के बाद सरकारी तंत्र भी उलझन में है। विभागीय अधिकारी खुद ही समझ नहीं पा रहे कि आखिरकार ऐसे कैसे हो रहा है।

By sunil negiEdited By: Published: Thu, 21 Jul 2016 12:52 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jul 2016 12:55 PM (IST)
डेंगू की 'पहेली' बना पथरीबाग, 23 और में पुष्टि

देहरादून, [जेएनएन]: दून का पथरीबाग क्षेत्र डेंगू की अबूझ पहेली बनता जा रहा है। चार दिन में तकरीबन 100 मीटर की परिधि में डेंगू के 64 मामले सामने आने के बाद सरकारी तंत्र भी उलझन में है। विभागीय अधिकारी खुद ही समझ नहीं पा रहे कि आखिरकार एक ही जगह पर इतने मरीज सामने आने का क्या कारण है। क्योंकि, डेंगू को लेकर इस तरह की स्थिति पहले कभी सामने नहीं आई। बुधवार को एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट आने पर पथरीबाग में 23 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

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पथरीबाग क्षेत्र में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को 23 नए मामलों में डेंगू की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है। विगत दिनों यहां 88 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए थे, जिन्हें एलाइजा टेस्ट के लिए लैब भेजा गया था। विभागीय टीम ने बुधवार को भी यहां कैंप लगाकर 87 लोगों के ब्लड सैंपल लिए। दून में अब तक डेंगू पीड़ितों की संख्या 64 पहुंच चुकी है। यह सभी मरीज पथरीबाग क्षेत्र में ही मिले हैं।

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स्थिति क्या है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत क्षेत्र का जायजा ले चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश भी उन्होंने दिए थे। प्रभारी सीएमओ डॉ. वाईएस थपलियाल ने बताया कि विभागीय टीम लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए हुए है। सभी डेंगू पीड़ितों और संदिग्धों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है।

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यह पहली बार है जब डेंगू का असर किसी क्षेत्र विशेष पर दिख रहा है। इसके पीछे अलग-अलग थ्योरी सामने आ रही है। विभाग की जांच में सामने आया है कि इस इलाके में पिछले साल भी डेंगू फैला था। बाद में मच्छर तो मर गया, लेकिन इसके दिए अंडे सुरक्षित रहे।

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जुलाई में मौसम अनुकूल पाकर यह अंडे फूट गए और यहां एकाएक डेंगू का प्रकोप फैलता गया। बताया यह भी गया कि डेंगू पीड़ित व्यक्ति को काटने पर सामान्य मच्छर भी वायरस के संवाहक की भूमिका में आ जाता है। ऐहतियात बरतने में चूक के कारण दिक्कत बढ़ती चली गई। कारण कई सामने आए हैं, लेकिन डेंगू के मामलों पर लगाम नहीं लग पा रही है।

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