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दिल्ली पुलिस ने खंगाला सचिन उपाध्याय का घर, नहीं मिले कोई खास दस्‍तावेज

दिल्ली पुलिस की एक टीम ने बुधवार को धोखाधड़ी के मामले में नामजद सचिन उपाध्याय के घर समेत उसके पांच ठिकानों पर छानबीन की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 03:55 PM (IST)
दिल्ली पुलिस ने खंगाला सचिन उपाध्याय का घर, नहीं मिले कोई खास दस्‍तावेज
दिल्ली पुलिस ने खंगाला सचिन उपाध्याय का घर, नहीं मिले कोई खास दस्‍तावेज

देहरादून, जेएनएन। दिल्ली पुलिस की एक टीम ने बुधवार को धोखाधड़ी के मामले में नामजद सचिन उपाध्याय के घर समेत उसके पांच ठिकानों पर छानबीन की। इस दौरान स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही। हालांकि, पुलिस को तलाशी में कोई खास दस्तावेज नहीं मिला। यह कार्रवाई सचिन उपाध्याय की मौजूदगी में की गई।

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नोएडी निवासी मुकेश जोशी ने वर्ष 2012 को सचिन उपाध्याय के खिलाफ दिल्ली के एक थाने में धोखाधड़ी और गाली-गलौज की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि 2012 में सचिन ने उनकी संपत्ति को फर्जी हस्ताक्षर कर खुर्दबुर्द किया। मुकदमा दर्ज होने पर सचिन उपाध्याय ने समझौते की पेशकश की। उसने फर्जी हस्ताक्षर की बात स्वीकाते हुए मुकेश को जल्द रुपये देने की बात कही। रकम अदा न होने तक सचिन ने मुकेश के पास देहरादून स्थित अपनी एक संपत्ति बंधक रखी थी। कुछ दिन बाद मुकेश को पता चला कि सचिन ने इस संपत्ति पर बैंक से लोन ले रखा है। 

आरोप है कि विरोध जताने पर सचिन ने रुपये लौटाने से इन्कार कर दिया और पीडि़त के साथ गाली-गलौज की। इसपर मुकेश ने 14 फरवरी 2017 को राजपुर थाने में भी सचिन के खिलाफ धोखाधड़ी, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पिछले दिनों कोर्ट ने सचिन का गैरजमानती वारंट जारी किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल सचिन जमानत पर है। वहीं, दिल्ली में दर्ज मुकदमे की जांच के सिलसिले में वहां से पुलिस की एक टीम बुधवार को सचिन के घर पहुंची।

राजपुर थाने के एसओ अशोक राठौड़ ने बताया कि दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर हरिओम एक सिपाही के साथ आए थे। उनके पास सचिन उपाध्याय के राजपुर स्थित घर एसएस विला समेत कई ठिकानों का सर्च वारंट था। तलाशी अभियान के दौरान स्थानीय पुलिस भी उनके साथ मौजूद रही। 

एक मकान के दो फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी

एक ही मकान के दो फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। मामले में थाना वसंत विहार पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अनिल सुंदरियाल निवासी इंद्रानगर वसंत विहार ने बताया कि श्याम सुंदर लाल निवासी इंदिरा नगर से मकान का एक हिस्सा लिया था।

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11 अप्रैल 2018 को उन्होंने मकान के एक हिस्से पर पूर्ण कब्जा प्राप्त कर लिया और उसमें किरायेदार भी रख लिए। अनिल सुंदरियाल ने बताया कि 22 मई 2019 को उन्होंने भवन को बीना शर्मा और राहुल शर्मा निवासी विष्णु गार्डन ज्वालापुर रोड को विक्रय कर दिया। सात जुलाई 2019 को बीना शर्मा और राहुल शर्मा भवन का रिनोवेशन का कार्य करवा रहे थे, तभी वहां रामधन बलियान और मनोज कुमार ने मकान का मरम्मत का कार्य रुकवा दिया। उन्होंने कहा कि उक्त भवन की रजिस्ट्री उन्होंने अपने हक में करवा रखी है। जांच में पता चला कि श्यामसुंदर लाल, रामधन बलियान और मनोज कुमार ने मिलकर पॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज बना लिए हैं। जिस पर पुलिस ने उक्त आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

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