Move to Jagran APP

दिल्ली में जज बनी उत्तराखंड की बेटी कात्यायिनी ने बताई अपने संघर्ष और सफलता की कहानी, कही ये बात

Delhi Judicial Service Examination 2019 दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा 2019 में दूसरी रैंक प्राप्त करने वाली कात्यायनी शर्मा कंडवाल ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए बड़े सपने देखने जरूरी है और सपने वही पूरे होते हैं जिन्हें पाने के लिए इंसान शिद्दत से प्रयास करें।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 11:28 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 11:28 AM (IST)
दिल्ली में जज बनी उत्तराखंड की बेटी कात्यायिनी ने बताई अपने संघर्ष और सफलता की कहानी, कही ये बात
दिल्ली में जज बनी उत्तराखंड की बेटी कात्यायिनी बोलीं, सपने हमेशा बड़े देखिए; जरूर पूरे होंगे।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Delhi Judicial Service Examination 2019 दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा 2019 में दूसरी रैंक प्राप्त करने वाली कात्यायनी शर्मा कंडवाल ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए बड़े सपने देखने जरूरी है और सपने वही पूरे होते हैं, जिन्हें पाने के लिए इंसान शिद्दत से प्रयास करें। रविवार को ऋषिकेश पहुंची कात्यायनी शर्मा कंडवाल ने अपने संघर्ष व सफलता की कहानी दैनिक जागरण से साझा की। 

loksabha election banner

मूल रूप से पौड़ी जनपद के ग्राम मरड़ा, मवालस्यूं में अगस्त 1991 में मदन मोहन सुंदरियाल और कुसुम सुंदरियाल के घर जन्मी कात्यायनी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की रही। कात्यायनी के पिता मदन मोहन सुंदरियाल ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में कार्यरत थे। जबकि मां कुसुम सुंदरियाल अध्यापिका हैं और वर्तमान में देहरादून में सेवारत हैं। कात्यायनी ने बताया कि उनके पिता का सपना उन्हें न्यायिक सेवा में भेजने का था। तभी से वह भी इस सपने को लेकर आगे बढऩे लगी। मगर, कुछ वर्ष पूर्व पिता का निधन हो गया, तब एक बार के लिए लगा कि उनका यह सपना अधूरा रह जाएगा। मगर, मां कुसुम सुंदरियाल ने पिता की कमी महसूस नहीं होने दी और उनकी शिक्षा जारी रखी। 

कात्यायनी का विवाह वर्ष 2015 में प्रगति विहार ऋषिकेश निवासी प्रांशु शशि कंडवाल से हुआ। प्रांशु भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल तथा वरिष्ठ चिकित्साधिकारी सेवानिवृत डॉ. शशि कंडवाल के पुत्र हैं। शादी के बाद ससुराल में भी कात्यायनी को भरपूर सहयोग मिला। इसी बीच कात्यायनी ने क्लेट क्वालीफाई करने के बाद एनएलआइयू भोपाल से एलएलबी व आइएलआई दिल्ली से एलएलएम की शिक्षा पूरी की। कात्यायनी ने बताया कि इससे पूर्व दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा 2018 में वह कुछ अंकों से चूक गई थी। 

उसके बाद दोबारा तैयारी में जुट गई और न्यायिक सेवा- 2019 की परीक्षा में उन्हें यह सफलता हासिल हुई। कात्यायनी ने बताया कि किसी भी मुकाम तक पहुंचने के लिए जिंदादिली के साथ सपने देखना जरूरी है। उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए उतनी ही ईमानदारी के साथ मेहनत करने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि लड़कियों के लिए न्यायिक सेवा एक बेहतर विकल्प है। इस सेवा के जरिए हम अपने भविष्य के साथ समाज को भी कुछ बेहतर दे सकते हैं। 

महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति होना होगा जागरूक

कात्यायनी शर्मा कंडवाल ने बताया कि समाज में महिलाओं के प्रति जो ङ्क्षहसा व उत्पीडऩ के मामले सामने आते हैं, उनका बड़ा कारण अशिक्षा व अधिकारों के प्रति जागरूकता का अभाव है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा तथा सम्मान के लिए तमाम कानून बने हैं। मगर, अधिकांश महिलाएं इसकी जानकारी ही नहीं रखती। इसके लिए समाज को जागरूक करने की जरूरत है। समाज के जागरूक व्यक्तियों का भी दायित्व बनता है कि वे अपने परिवेश में महिलाओं को शिक्षित करें।

परिवार का साथ मिले तो कोई चुनौती मुश्किल नहीं

कात्यायनी शर्मा कंडवाल का कहना है कि बिना परिवार के सहयोग और आशीर्वाद के कोई कामयाबी हासिल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अक्सर लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए कई चुनौतियां सामने आती हैं, कई बार आशातीत सफलता नहीं मिल पाती। ऐसे में स्वजनों द्वारा दी जाने वाली हिम्मत आपके हौसलों को दोगुना कर देती है। इसलिए जब भी किसी लक्ष्य की ओर बढ़ो अपने परिवार के सदस्यों का विश्वास व सहयोग जरूर साथ रखना चाहिए।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: दिल्ली में जज बनने के बाद ससुराल लौटी कात्यायिनी का भव्य स्वागत, तस्वीरों में देखें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.