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दिल्ली-दून राजमार्ग चौड़ीकरण का काम उप्र की सीमा में शुरू, मोहंड से आगे इस वजह से नहीं हो पा रहा काम

दिल्ली-दून राजमार्ग चौड़ीकरण योजना के तहत गणेशपुर से मोहंड (डाटकाली) के बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने काम शुरू कर दिया है। यह भाग उत्तर प्रदेश (उप्र) की सीमा में आता है। हालांकि मोहंड (डाटकाली) से आगे आशारोड़ी तक अभी काम नहीं शुरू हो पाया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 04:05 PM (IST)
दिल्ली-दून राजमार्ग चौड़ीकरण का काम उप्र की सीमा में शुरू, मोहंड से आगे इस वजह से नहीं हो पा रहा काम
दिल्ली-दून राजमार्ग चौड़ीकरण का काम उप्र की सीमा में शुरू। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दिल्ली-दून राजमार्ग चौड़ीकरण योजना के तहत गणेशपुर से मोहंड (डाटकाली) के बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने काम शुरू कर दिया है। यह भाग उत्तर प्रदेश (उप्र) की सीमा में आता है। हालांकि, मोहंड (डाटकाली) से आगे आशारोड़ी तक अभी काम नहीं शुरू हो पाया है। पेड़ कटान को लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका लंबित होने के चलते अभी इस हिस्से को विराम दिया गया है।

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यहां पेड़ कटान रोकने की मांग को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने याचिका दायर की थी। इस याचिका को एनजीटी ने खारिज कर दिया। लिहाजा, उत्तर प्रदेश की सीमा वाले करीब 16 किमी भाग पर एनएचएआइ ने काम शुरू कर दिया है। यहां 16 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड भी प्रस्तावित है। दूसरी तरफ, उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका लंबित होने के चलते यहां के करीब 3.38 किमी भाग पर काम शुरू नहीं कराया गया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही इस भाग पर काम कराने का निर्णय लिया जाएगा।

एनएचएआइ के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सीमा में पाइल टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है। इसके बाद एलिवेटेड रोड के पिलर खड़े किए जाएंगे। निर्माण कंपनी को निर्देश दिया गया है कि कार्य के दौरान अधिक से अधिक पेड़ों को बचाने का प्रयास किया जाए।

सर्वाधिक पेड़ उत्तर प्रदेश की सीमा में ही कटेंगे

करीब 19.38 किमी लंबी इस परियोजना में कुल 7500 पेड़ काटे जाने हैं। इनमें से 66 फीसद से अधिक पेड़ उत्तर प्रदेश की सीमा में काटे जाने हैं। इस लिहाज से भी एनएचएआइ अधिकारी परियोजना के भविष्य को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। एनजीटी से एनजीओ की याचिका खारिज होने जाने के बाद अधिकारियों को बड़ी राहत मिल गई है।

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इस तरह कट रहे पेड़

उत्तराखंड: डाटकाली के कुछ पहले से आशारोड़ी के बीच 2500 पेड़

उत्तर प्रदेश: गणेशपुर से मोहंड (डाटकाली) के बीच 5000 पेड़

कटान के एवज में लगाए जाएंगे पेड़

उत्तराखंड: 40 हजार पेड़

उत्तर प्रदेश: 60 हजार पेड़

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