Dehradun News: कलयुग में भवसागर पार कराता है सुंदरकांड का पाठ- स्वामी मैथिलीशरण
Dehradun News कलयुग में सुंदरकांड का पाठ कर हम बिना प्रयास के भवसागर से पार हो सकते हैं। यह उद्गार श्रीरामकिंकर विचार मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी मैथिलीशरण ने देहरादून में आयोजित संगीतमय सुंदरकांड पाठ के दौरान व्यक्त किए।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Dehradun News: जीवन में अनुकूल व प्रतिकूल, दोनों ही बाधाओं को पार करना पड़ता है। तभी साधक कृपा प्राप्त कर पाता है। हनुमान, राम नाम की मुद्रिका लेकर सागर पार कर गए।
कलयुग में सुंदरकांड का पाठ कर हम बिना प्रयास के भवसागर से पार हो सकते हैं। यह उद्गार श्रीरामकिंकर विचार मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी मैथिलीशरण ने रायपुर स्थित द ओएसिस स्कूल में आयोजित संगीतमय सुंदरकांड पाठ के दौरान व्यक्त किए।
रविवार को द ओएसिस स्कूल के संस्थापक राकेश ओबराय की मां शकुंतला रानी ओबराय की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित सुंदरकांड पाठ में बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हुए। इससे पूर्व, सुंदरकांड की महिमा का बखान करते हुए स्वामी मैथिलीशरण ने कहा कि गीता में अर्जुन का मोह भंग होता है और रामायण में विभीषण का।
जब तक मिट्टी कच्ची रहती है, तब तक उसमें निर्माण की अनंत संभावनाएं रहती हैं। लेकिन, वही मिट्टी जब बर्तन बनकर नाम व रूप ग्रहण कर लेती है, तब केवल उसके टूटकर खंडित हो जाने की संभावना शेष रह जाती है। हनुमान सुंदरकांड में वही कच्ची मिट्टी बने रहे।
भगवान के कार्य में जब जैसी जरूरत पड़ी, वैसे ही बन गए। यही है कर्तव्य के अभिमान से शून्य हो जाना। जब हम कुछ हो जाते हैं तो टूट जाते हैं, जब कुछ नहीं होते हैं तो केवल बनना और बनाना ही हमारी साधना व कृपा होती है।
इस मौके पर स्कूल के चेयरमैन राघव ओबराय, सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज, पूर्व मुख्य सचिव एन. रविशंकर, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के पूर्व निदेशक संजीव चोपड़ा, उद्योगपति अशोक विंडलास, दून इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक डीएस मान, डा. महेश कुड़ियाल, यूकास्ट के पूर्व महानिदेशक डा. राजेंद्र डोभाल, कसीगा स्कूल के निदेशक रमेश बत्ता, अनिल पाठक, रजनीश थपलियाल आदि मौजूद रहे। बाद में सभी ने प्रसाद का भोग लगाया।