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Dehradun News: अब आवासीय भवनों के नक्शे पास कराने को नहीं बेलने होंगे पापड़, आर्किटेक्ट को दिया जाएगा अधिकार

Dehradun News प्राधिकरणों का अब तक का अनुभव बताता है कि आमजन को नक्शा पास करने में कई दफा पापड़ बेलने पड़ जाते हैं। अब आवासीय नक्शे पास करने का अधिकार आर्किटेक्ट को देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 02 Dec 2022 08:11 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2022 08:11 AM (IST)
Dehradun News: अब आवासीय भवनों के नक्शे पास कराने को नहीं बेलने होंगे पापड़, आर्किटेक्ट को दिया जाएगा अधिकार
Dehradun News : नक्शे पास करने का अधिकार आर्किटेक्ट को देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सुमन सेमवाल, देहरादून : Dehradun News : प्राधिकरणों में जमा होने वाले भवन निर्माण के नक्शों में 80 प्रतिशत संख्या आवासीय श्रेणी की होती है। प्राधिकरणों का अब तक का अनुभव बताता है कि आमजन को नक्शा पास करने में कई दफा पापड़ बेलने पड़ जाते हैं।

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जनता की इस तरह की मुश्किलों को आसान बनाने और कामकाम में सुगमता के लिए अपर मुख्य सचिव आवास आनंद बर्धन प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत अब आवासीय नक्शे पास करने का अधिकार आर्किटेक्ट को देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रस्ताव के लिए विभिन्न बिंदुओं पर सहमति

शासन के निर्देश के क्रम में उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) ने पहले नगर नियोजन विभाग के साथ विचार-विमर्श किया और अब विभिन्न आर्किटेक्ट संगठनों के साथ बैठक कर प्रस्ताव के लिए विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बना ली गई है।

अपर आवास आयुक्त व उडा के संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुम्का के अनुसार, अभी तक की तैयारी के मुताबिक आर्किटेक्ट को स्वप्रमाणन के आधार पर प्राधिकरणों से स्वीकृत लेआउट वाले भूखंडों पर ही नक्शे पास करने का अधिकार दिया जाएगा।

मैदानी क्षेत्रों में नौ मीटर तक ऊंचाई वाले भवनों व पर्वतीय क्षेत्रों में साढ़े सात मीटर ऊंचाई वाले भवनों की स्वीकृति का अधिकार उन्हें दिया जाएगा। बैठक में उत्तराखंड इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस राणा, देवभूमि आर्किटेक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह, विनय सिंह समेत विभिन्न आर्किटेक्ट उपस्थित रहे।

प्राधिकरण सिर्फ वांछित अभिलेखों व डेवलपमेंट चार्ज का परीक्षण करेंगे

उडा के संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुम्का के अनुसार, प्रस्तावित व्यवस्था के तहत एमडीडीए समेत विभिन्न विकास प्राधिकरणों की जिम्मेदारी सिर्फ नक्शे के लिए वांछित अभिलेखों और डेवलपमेंट चार्ज के परीक्षण की रहेगी। यदि इनमें कोई आपत्ति है तो उसे तीन दिन के भीतर संबंधित आर्किटेक्ट को भेजा जाएगा।

जिसका निराकरण कर 10 दिन के भीतर नक्शा दोबारा संबंधित प्राधिकरण की साइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। किसी भी दशा में प्राधिकरण नक्शे को पांच दिन से अधिक अपने पास लंबित नहीं रखेंगे। अन्यथा नक्शा स्वतः पास माना माना जाएगा।

आर्किटेक्ट के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी होंगे नक्शे

प्रस्तावित व्यवस्था में आर्किटेक्ट अपने डिजिटल हस्ताक्षर से नक्शे पास करेंगे। एक तरह से नक्शों की पूरी जिम्मेदारी आर्किटेक्ट ही होगी।

दूसरे चरण में सभी आवासीय भूखंडों पर मिलेगा अधिकार

उडा की तैयारी के अनुसार, पहले चरण में यदि स्वीकृत लेआउट में नक्शे पास करने की व्यवस्था सुचारू रहती है तो दूसरे चरण में आर्किटेक्ट को सभी आवासीय भूखंडों में नक्शे पास करने का अधिकार दिया जाएगा।

यह मिलेगा लाभ

  • आम जनता को नक्शे पास कराने के लिए प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे।
  • कम समय में नक्शे पास होने लगेंगे।
  • नक्शों में अभियंताओं का दखल कम होने के चलते भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
  • नक्शे पास करने की स्वप्रमाणन व्यव्यस्था के बाद आर्किटेक्ट अधिक जिम्मेदारी से काम कर सकेंगे।

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