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Dehradun News: भारतीय सैन्य अकादमी ने पूरे किए 90 साल, अब तक 64 हजार से ज्‍याद जैंटलमैन कैडेट हुए पासआउट

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) ने 90 साल का गौरवशाली सफर पूरा किया। कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीके मिश्रा ने सैन्य व सिविल कर्मियों का उत्साह बढ़ाया। 90 साल में आइएमए से 64145 जैंटलमैन कैडेट पासआउट हो चुके हैं।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiPublished: Sat, 01 Oct 2022 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 11:30 PM (IST)
Dehradun News: भारतीय सैन्य अकादमी ने पूरे किए 90 साल, अब तक 64 हजार से ज्‍याद जैंटलमैन कैडेट हुए पासआउट
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) ने 90 साल का गौरवशाली सफर पूरा किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून : भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) ने शनिवार को अपना 90वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर आइएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीके मिश्रा ने अकादमी के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए सैन्य व सिविल स्टाफ की कर्तव्य निष्ठा व समर्पण भाव की प्रशंसा की।

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राष्ट्र को उत्कृष्ट सेवा प्रदान की

उन्होंने याद दिलाया कि आइएमए (Indian Military Academy) ने कई हजार सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर राष्ट्र को उत्कृष्ट सेवा प्रदान की। उन्होंने अकादमी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सैन्य व सिविल कर्मियों से और अधिक उत्साह के साथ काम करने का आग्रह किया।

एक अक्टूबर 1932 को अस्तित्व में आया आइएमए

आइएमए एक अक्टूबर 1932 को अस्तित्व में आया। पिछले 90 वर्षों में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता 40 से 1650 जैंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है। अभी तक 64,145 जैंटलमैन कैडेट अकादमी से पास आउट हुए हैं। इसमें 34 मित्र देशों के 2813 विदेशी कैडेट भी शामिल हैं।

अकादमी का है समृद्ध इतिहास

अकादमी का समृद्ध इतिहास है और यहां से पास आउट कैडेट ने सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है। उन्होंने न सिर्फ रण में, बल्कि सामरिक रणनीति में भी अहम योगदान दिया है।

889 अधिकारियों ने दिया सर्वोच्च बलिदान

वहीं, खेल व अन्य गतिविधियों में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। युद्ध में साहस और शौर्य प्रदर्शित करने पर मिलने वाले वीरता पदक खुद उनके पराक्रम व नेतृत्व कौशल की कहानियां कहते हैं। आइएमए से पास आउट 889 अधिकारियों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

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आइएमए की गौरवशाली विरासत

इस विशेष दिन पर स्टाफ के सभी सदस्यों, जैनटलमैन कैडेट, सैन्य और सिविल कर्मचारियों ने आइएमए की गौरवशाली विरासत को बनाए रखने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करने का संकल्प लिया।

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