विकासनगर, जागरण संवाददाता: पुलिस छावनी के बीच रविवार को शक्ति नहर किनारे अवैध कब्जों पर उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) व प्रशासन के बुलडोजर गरजे, देखते ही देखते सुबह से शाम तक 300 अवैध निर्माण पूरी तरह से ध्वस्त कर दिए गए। ध्वस्तीकरण शुरू होने पर नवाबगढ़ क्षेत्र में कई अवैध कब्जाधारियों ने खुद ही सामान समेट लिया, अपनी दुकानों के शटर तक उतारकर ले गए। अवैध कब्जे हटाने को पीएसी, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड की टीम और पुलिस बल तैनात रखा। एडीएम, एसडीएम, सीओ, इंस्पेक्टर, यूजेवीएनएल अधिशासी अभियंता समेत कई अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में अवैध कब्जे ध्वस्त कराए।
ध्वस्तीकरण से पूर्व जल विद्युत निगम प्रशासन ने अवैध कब्जाधारियों को 24 घंटे में जमीन खाली करने का नोटिस दिया था। जैसे ही 24 घंटे पूरे हुए, रविवार सुबह ढालीपुर, ढकरानी क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस, पीएसी, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ, प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में कच्चे-पक्के अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई।
भारी संख्या में पुलिस बल के चलते लोग विरोध भी नहीं कर पाए। एडीएम आरएस शर्मा, एसडीएम विनोद कुमार, सीओ विकासनगर भास्कर शाह, सीओ ऋषिकेश संदीप नेगी, सीओ सिटी नीरज सेमवाल, सीओ सदर पंकज गैरोला, सीओ मसूरी अनिल जोशी और यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता अभय सिंह ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान सभी स्थितियों पर पैनी नजर रखी।
सुबह आठ से शाम पांच बजे तक चले ध्वस्तीकरण में पहले दिन करीब 300 अवैध कब्जे धराशायी किए गए। शाम के पांच बजने पर नवाबगढ़ क्षेत्र में अवैध कब्जे हटाने का काम रोक दिया गया। जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता के अनुसार सोमवार को अन्य बचे अवैध कब्जे धराशायी किए जाएंगे। उसके बाद कुल्हाल क्षेत्र में अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
दो कंपनी पीएसी, पांच सीओ व पूरे जिले की फोर्स रही तैनात
शक्तिनहर किनारे के अवैध कब्जे हटाने को दो कंपनी पीएसी, पांच पुलिस क्षेत्राधिकारी व भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। ध्वस्तीकरण क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील होने से कोई विरोध नहीं कर पाया। जिनके अवैध कब्जे टूटे, उन परिवारों में महिलाएं रो रही थी, बेघर होने पर कई परिवार सामान समेत शक्तिनहर किनारे बैठे हुए थे, जिन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि बेघर होने के बाद कहां जाएं।
शक्तिनहर का पानी किया गया कम, एसडीआरएफ की तीन बोट रही तैनात
अवैध कब्जे ध्वस्तीकरण के दौरान जल विद्युत निगम ने शक्तिनहर का जलस्तर भी कम किया, नहर में एसडीआरएफ की तीन बोट भी तैनात रखी गई, ताकि किसी विकट स्थिति में नहर में गिरने वाले का बचाया जा सके।
जल विद्युत निगम, पुलिस व प्रशासन ने बैठकों के जरिये ध्वस्तीकरण के दौरान सभी बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद ठोस कार्ययोजना बनाई थी। उसी के अनुरूप ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई, हर पहलुओं व गतिविधियों पर अधिकारियों ने कड़ी निगरानी रखी और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को कराया, बिना विरोध के पहले दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई संपन्न हुई।