Dehradun Crime News: देहरा आर्म्स पहुंचे अधिकारी, खोखों के रिकार्ड मिले गायब
Dehradun Crime News दिल्ली में रायल आर्म्स के संचालक से 2200 जिंदा कारतूस पकड़े जाने के बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आ गए। सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जांच की गई। सभी आर्म्स कारोबारियों की कुंडली बांची जाएगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Dehradun Crime News दून स्थित रायल आर्म्स के संचालक परीक्षित नेगी को दिल्ली में 2200 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार करने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस की मशीनरी हरकत में आ गई है। आर्म्स प्रतिष्ठानों में बड़े स्तर पर हथियारों व कारतूस संबंधी अनियमितता की आशंका पर अधिकारी जांच में जुट गए हैं। इस क्रम में शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान के नेतृत्व में गांधी रोड स्थित देहरा आर्म्स की जांच की गई।
हथियारों व कारतूस के स्टाक की जांच की
जांच टीम ने देहरा आर्म्स में हथियारों व कारतूस के स्टाक की जांच की। इस दौरान आर्म्स संचालक से कारतूस के खोखों की जानकारी मांगी गई। ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि जिन व्यक्तियों को कारतूस बेचे गए हैं, उनका प्रयोग कहां किया गया।
- गंभीर बात यह है कि आर्म्स प्रतिष्ठान के पास खोखों का कुछ भी रिकार्ड नहीं मिल पाया। पता चला कि आर्म्स संचालक इसका रिकार्ड नहीं रख रहे हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट ने सवाल किया कि जिन व्यक्तियों को कारतूस दिए जाते रहे, उनसे यह क्यों नहीं पूछा गया कि पिछले कारतूस का प्रयोग कहां पर किया गया। देहरा आर्म्स संचालक इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। वहीं, कुछ हथियारों व कारतूस के रिकार्ड भी मौके पर नहीं मिल पाए। जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि जो स्टाक वर्तमान में है, वह कहां से आया।
इसके लिए प्रतिष्ठान संचालक को कार्यालय में आकर रिकार्ड उपलब्ध कराने को कहा गया है। सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने बताया कि अभी तक के रिकार्ड के मुताबिक दून में कुल सात आर्म्स प्रतिष्ठान हैं। जल्द शेष छह प्रतिष्ठानों की जांच भी की जाएगी।
जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान के मुताबिक देहरा आर्म्स से कई रिकार्ड प्राप्त कर लिए गए हैं। अब इनका परीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा रही है। यहां से रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। क्योंकि आर्म्स प्रतिष्ठानों को लाइसेंस शासन स्तर से ही जारी किए जाते हैं।
हर माह मांगी जाएगी रिपोर्ट
सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान के मुताबिक आर्म्स प्रतिष्ठानों से हर माह रिपोर्ट मांगी जाएगी। ताकि इस बात की जानकारी हो सके कि कितने हथियार व कारतूस बेचे जा रहे हैं और इन्हें कौन व्यक्ति प्राप्त कर रहे हैं।
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