Kisan Andolan: किसानों ने सड़क पर किया प्रदर्शन, 26 जनवरी को दून में निकालेंगे ट्रैक्टर रैली
Kisan Andolan केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देहरादून में भी किसानों ने विरोध जताया। भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के बैनर तले कई किसानों ने ट्रैक्टर समेत सड़क पर प्रदर्शन किया। दिनभर धरना देने के बाद किसान पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर लौट गए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Kisan Andolan केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देहरादून में भी किसानों ने विरोध जताया। भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के बैनर तले कई किसानों ने ट्रैक्टर समेत सड़क पर प्रदर्शन किया। दिनभर धरना देने के बाद किसान पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर लौट गए। अब 26 जनवरी को शहर में ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।
मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (तोमर) की ओर से रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन प्रस्तावित था, लेकिन प्रशासन की ओर से अनुमति न मिलने के कारण किसानों ने ट्रांसपोर्ट नगर में ही धरना-प्रदर्शन किया। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानून किसान हित में नहीं हैं। किसान इन्हें तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कहा कि कि गन्ने का न्यूनतम दाम 450 रुपये प्रति कुंतल किया जाए। साथ ही बिजली की दरें कम की जाएं और डीजल महज 30 रुपये की दर से किसानों को मुहैया कराया जाए।
आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हुए हैं, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। उनके परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी दी जाए। इसके अलावा किसानों को अपनी फसल के दाम तय करने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने पहाड़ के किसानों के पलायन को रोकने के लिए प्रयास करने की मांग की। उत्तराखंड में सेब की बागवानी को बढ़ावा देने को प्रयास किए जाएं।
पुलिस ने कूच को रोका
भाकियू (तोमर) के सदस्य ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने ट्रैक्टरों के माध्यम से रेलवे स्टेशन के लिए कूच किया। हालांकि, बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने उन्हें वहीं रोक दिया। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई। फिर किसान ट्रांसपोर्ट नगर चौक पर ही सड़क किनारे धरने पर बैठ गए, जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन केंद्र सरकार को भेजा। दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक किसानों का धरना जारी रहा। अंत में पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर अनुज कुमार को ज्ञापन सौंपकर किसान लौट गए।
यह भी पढ़ें- 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेगा संयुक्त किसान मोर्चा