Dehradun Crime News : दिवाली की रात एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या से मची थी सनसनी, हत्यारे ने गर्भवती बहन को भी नहीं बख्शा था
Dehradun Crime News हरमीत ने चारों सदस्यों पर कुल 85 बार चाकू से वार किया था। उसने सबसे अधिक 27 वार सौतेली मां पर किए थे। इतना ही नहीं बेरहम भाई को गर्भवती बहन पर भी तरस नहीं आया और उस पर भी चाकू से वार कर दिए।
टीम जागरण, देहरादून : Dehradun Crime News दीपावली की रात जब देहरादून की शांत वादियां दीये की रोशनी से जगमगा रही थीं, उसी वक्त हरमीत के सिर पर खून चढ़ गया। प्रापर्टी के लालच में वह सब कुछ भूल गया और अपने ही परिवार के पांच लोगों को चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं बेरहम भाई को नौ माह की गर्भवती बहन पर भी तरस नहीं आया और उस पर भी चाकू से वार कर दिए।
कुल 85 बार चाकू से किया था वार
हरमीत ने चारों सदस्यों पर कुल 85 बार चाकू से वार किया था। उसने सबसे अधिक 27 वार सौतेली मां पर किए थे। वहीं पिता पर 24, गर्भवती बहन पर 24 और भांजी पर 10 वार किए। उसने हरजीत के पेट में चाकू से कई वार किए, जिससे उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई थी।
दिल दहलाने वाली यह वारदात देहरादून के आदर्श नगर में हुई थी। हरमीत ने संपत्ति के लिए पिता, सौतेली मां, बहन और तीन वर्षीय भांजी को मौत घाट उतार दिया था। वारदात का पता अगली सुबह नौकरानी के आने पर पता चला। इस मामले में हरजीत कौर का बेटा कमल एकमात्र चश्मदीद गवाह था। घटना के वक्त वह बेड के नीचे छिप गया था और उसकी ही गवाही अहम रही। हरमीत ने कमल पर भी हमला किया था, मगर वह बच गया।
गर्भस्थ शिशु की मौत को भी हत्या करार दिया
अक्टूबर 2014 में दीपावली की रात हरमीत ने अपने पिता पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, बहन हरजीत कौर और तीन वर्षीय भांजी सुखमणि को मौत घाट उतार दिया। बहन हरजीत कौर गर्भवती थी।
अदालत ने गर्भस्थ शिशु की मौत को भी हत्या करार दिया था। दीपावली के दिन दिल दहलाने वाली इस घटना को जिसने सुना वह हैरान रह गया था। वहीं सरकारी वकील राजीव कुमार गुप्ता ने इस मामले को दुर्लभतम (रेयरेस्ट आफ द रेयर) मानते हुए कठोर फैसला सुनाने की मांग की थी।
हरमीत सिंह को अपर सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। तकरीबन एक घंटा चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से 2008 में बिहार, 1980 व 1983 में पंजाब में सामने आए ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाई गई फांसी की सजा की दलील पेश की गई थी।
मृतक जय सिंह के रिश्तेदार बताते हैं 24 अक्टूबर की घटना उन्हें अब भी याद है। खून से सने कमरों को साफ करने के बाद घर को बंद कर दिया गया था। इसके बाद से आज तक वहां किसी ने भी पैर रखने की हिम्मत नहीं की। पीड़ित परिवार के लिए दीपावली की वह रात मातम वाली रात बन गई।
हरमीत को इन धाराओं में हुई सजा
- धारा 302 (हत्या)- फांसी
- धारा 307 (हत्या का प्रयास)- 10 वर्ष कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना
- धारा 316 (गर्भवती महिला की हत्या)- 10 वर्ष कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना
- जुर्माना अदा नहीं करने पर पांच साल का अतिरिक्त कारावास
दोषी के खिलाफ मिले थे यह पुख्ता सबूत
- चश्मदीद गवाह कमल ने पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाया।
- हरमीत की निशानदेही पर हत्याकांड में प्रयुक्त चाकू भी पुलिस ने बरामद किया।
- हरमीत की खून से सनी चप्पल के बाद खून से सनी शर्ट और लोवर भी मिला।
- कमल की शर्ट और बनियान, जिस पर चाकू के वार के निशान थे।
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