उपनल कर्मियों के मसले पर शासन में गहन मंथन
उपनल कर्मियों को नियमित करने के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लेकर शासन में गहन मंथन शुरू हो गया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उपनल कर्मियों को नियमित करने के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लेकर शासन में गहन मंथन शुरू हो गया है। अभी अधिकारी भले ही आधिकारिक रूप से हाईकोर्ट के आदेश के मिलने का इंतजार करने की बात कर रहे हैं लेकिन इस संबंध में बैठकें शुरू हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो उपनल कर्मियों के वेतन और उन्हें नियमित करने के लिए विधिक राय तक ली जा रही है। माना जा रहा है कि निकाय चुनावों के तत्काल बाद होने वाली कैबिनेट में इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश में इस समय 17 हजार से अधिक उपनल कर्मी तैनात हैं। दरअसल, विभिन्न सरकारी कार्यालयों में तीन श्रेणियों में इन्हें तैनाती दी गई है। इनमें कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल श्रेणी शामिल हैं। श्रेणी के हिसाब से ही इन्हें एक निश्चित वेतन दिया जाता है। उपनल कर्मी काफी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पूर्व में उनके वेतन-भत्तों में इजाफा तो किया गया लेकिन इन्हें नियमित नहीं किया गया। अब हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से इन्हें नियमित करने को कहा है। ऐसे में सरकार के सामने अब बेहद सीमित विकल्प बचे हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार इन्हें नियमित करेगी या फिर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण लेगी। सरकार इन्हें नियमित न कर इनके वेतन में बढ़ोतरी भी कर सकती है। फिलहाल नियमित करने पर इन पर आने वाले खर्चो व इस मामले पर अपील आदि पहलुओं पर शासन में मंथन चल रहा है।
वहीं, इस संबंध में प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण आनंद वर्द्धन का कहना है कि अभी हाईकोर्ट के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। इस निर्णय का अध्ययन करने के बाद ही इस मसले पर कुछ कहा जा सकता है।