तिरंगे में लिपटा पहुंचा नौसेना अधिकारी का पार्थिव शरीर, हरिद्वार में अंत्येष्टि
कोच्चि (केरल) में ग्लाइडर हादसे में मौत के मुंह में समाए नौसेना के लेफ्टिनेंट राजीव झा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए मंगलवार दोपहर बाद उनके सैनिक कॉलोनी झाझरा स्थित आवास पहुंचा। जहां पर लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर नम आंखों से विदाई दी।
देहरादून, जेएनएन। कोच्चि (केरल) में ग्लाइडर हादसे में मौत के मुंह में समाए नौसेना के लेफ्टिनेंट राजीव झा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए मंगलवार दोपहर बाद उनके सैनिक कॉलोनी झाझरा स्थित आवास पहुंचा। जहां पर लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर नम आंखों से विदाई दी। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि बीती रविवार को कोच्चि में आइएनएस गरुड़ से नियमित प्रशिक्षण के दौरान ग्लाइडर दुर्घनाग्रस्त हो गया था। जिसमें नौसेना के दो अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसमें एक लेफ्टिनेंट राजीव झा देहरादून के झाझरा के रहने वाले थे। लेफ्टिनेंट झा का पार्थिव शरीर मंगलवार को कोच्चि से विशेष विमान से दिल्ली और फिर जौलीग्रांट लाया गया। वहां से सेना के वाहन से उनका शव झाझरा स्थित आवास पर लाया गया। जहां नौसेना के अधिकारियों के अलावा उत्तराखंड सब एरिया व नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस के अधिकारियों के साथ ही सहसपुर विस क्षेत्र के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर और नौसेना फाउंडेशन से जुड़े रिटायर अधिकारियों व जवानों और परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पांच बजे के करीब उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया गया।
बेटे का शव देख बिलख पड़े स्वजन
ग्लाइडर हादसे में जान गंवाने वाले नौसेना के लेफ्टिनेंट राजीव झा मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के झाझरा में रहता है। उनकी एक बहन व एक भाई भी है। राजीव इनमें सबसे बड़े थे। छोटा भाई तरुण एक मल्टीनेशनल कंपनी में में काम करता है। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक राजीव वर्ष 1999 में नेवी में बतौर अधिकारी भर्ती हुए थे। उनकी एक छह साल और एक ढाई साल की बेटी है। लेफ्टिनेंट राजीव के पिता हरिनारायण झा देहरादून में ही नौकरी करते थे। मंगलवार दोपहर बाद चार बजे के करीब जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो स्वजनों में कोहराम में मच गया। मां-पत्नी उनके शव से लिपटकर बिलखने लगीं। लेफ्टिनेंट राजीव की पत्नी गुड़िया रो-रोकर बेसुध हो गईं। वहां मौजूद सेना व नौसेना के अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें ढाढस बंधाया।