डाडा जलालपुर प्रकरण : तीन मुकदमे दर्ज, 22 नामजद और 65 अज्ञात को बनाया गया आरोपित
मुस्लिम समुदाय की तरफ से भी अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। इन तीनों मुकदमों की जांच भी एसआइटी करेगी। 16 मई को डाडा जलालपुर में शोभायात्रा के दौरान जमकर पथराव हुआ था जिसमें चौकी इंचार्ज समेत 10 व्यक्तियों को चोट आई थी।
संवाद सूत्र, हरिद्वार : हनुमान जयंती पर डाडा जलालपुर गांव में हुए बवाल के मामले में मुस्लिम समुदाय की तरफ से भी अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। इन मुकदमों में 22 नामजद, 65 अज्ञात आरोपितों पर लूट, बलवा, समेत कई गंभीर आरोप हैं। इन तीनों मुकदमों की जांच भी एसआइटी करेगी।
16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में शोभायात्रा निकालने के दौरान जमकर बवाल हुआ था। गांव में पथराव और आगजनी हुई थी। इस मामले में बवाल के बाद एक पक्ष की तरफ से 12 नामजद और 40 अन्य पर मुकदमा दर्ज किया था। मुस्लिम समुदाय ने भी पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
इस मामले में मुस्लिम समुदाय की तरफ से डाडा जलालपुर निवासी अमजद, तौकीर तथा शालिम ने अपर सिविल जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। इसमें अनिल सैनी (पूर्व जिला पंचायत सदस्य), योगेश, राजू, ङ्क्षहमाश, रोहताश, झबल, प्रशांत, अंशुल, रोहित निवासी डाडा पट्टी और अनिल सैनी निवासी डाडा जलालपुर पर घर में घुसकर तोडफ़ोड़, सामान बाहर फेंकना, लूटपाट करना, हमला करना, सिलिंडर की गैस निकालकर आग लगाने के प्रयास के आरोप लगाए।
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने इन सभी पर मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके अलावा इसी मामले में डाडा जलालपुर के ही तौकीर ने अनिल सैनी, दीपक, पंकज सैनी, गौरव, शुभम, रवि, ओमप्रकाश डाडा जलालपुर और अनिल सैनी, रोहतास निवासी डाडा पट्टी समेत 50 अज्ञात व्यक्तियों पर पिटाई करना, आपत्तिजनक नारे लगाना, माहौल बिगाडऩा और भय व्याप्त करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।
वहीं, डाडा पट्टी निवासी शालिम ने रोहताश, राजन उर्फ नवीन, अरविंद निवासी डाडा पट्टी थाना भगवानपुर समेत 15 अज्ञात व्यक्तियों पर दुकान के शटर में सरिया डालकर शटर तोडऩे के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया है। प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने बताया कि इन सभी मामलों की जांच भी एसआइटी ही करेगी।
27 अप्रैल को हिन्दू संगठनों की ओर से गांव में महापंचायत का आयोजन भी किया गया था, लेकिन 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते प्रशासन ने महापंचायत को नहीं होने दिया था। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए शासन ने एसपी देहात देहरादून कमलेश उपाध्याय के निर्देशन में एक एसआइटी का गठन भी किया है, जोकि जांच कर रही है।