उत्तराखंड में संस्कृति एवं कला परिषद का जल्द होगा गठन
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की भाषा संस्थान की जल्द स्थापना के लिए इसके ढांचे को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की बोली, भाषा, लोक कला, लोक संस्कृति के संवर्द्धन के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत बताई। उन्होंने बोली भाषा संस्थान की जल्द स्थापना के लिए इसके ढांचे को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में कला संस्कृति परिषद के गठन के निर्देश देते हुए इसमें साहित्य, कला व संस्कृति से जुड़े लोगों को शामिल करने के निर्देश दिए। साथ ही, स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगीत के साथ राज्यगीत को भी शामिल करने के निर्देश दिए।
बीजापुर हाउस में शनिवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बोली, भाषा संस्थान की स्थापना जल्द की जाए। इसके लिए आवश्यक पदों के सृजन आदि का प्रस्ताव भी कैबिनेट में जल्द लाया जाए।
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उन्होंने कहा कि राज्य की विलुप्त हो रही बोली, भाषा को संरक्षित करना जरूरी है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि जागर महाविद्यालय की स्थापना में भी तेजी लाई जाए। इसमें परंपरागत जागर गायकों को सहयोगी बनाया जाए, ताकि जागर की परंपरागत पहचान बनी रहे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्रगीत के साथ ही राज्यगीत को भी शामिल किया जाएगा। दो मिनट के राज्य गीत को जल्द संगीतबद्ध कर आकर्षक धुन प्रदान की जाए।
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उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की सांस्कृतिक विविधता को पहचान दिलाने के लिए कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी के साथ ही रंवाई आदि क्षेत्रों के लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में सचिव संस्कृति शैलेश बगोली, निदेशक बीना भट्ट, प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद थे।
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