Move to Jagran APP

दोषियों ने घोटाला कर अर्जित की अकूत संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर

काशीपुर क्षेत्र में नई विकसित कॉलोनियों व प्लाटिंग में बिजली लाइन शिफ्टिंग घोटाले में जांच अधिकारी ने विभाग के आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी माना है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:45 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:45 PM (IST)
दोषियों ने घोटाला कर अर्जित की अकूत संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर
दोषियों ने घोटाला कर अर्जित की अकूत संपत्ति, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। काशीपुर क्षेत्र में नई विकसित कॉलोनियों व प्लाटिंग में बिजली लाइन शिफ्टिंग घोटाले में जांच अधिकारी ने विभाग के आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी माना है। उन्होंने इन्हें संस्पेंड करने की संस्तुति की है। वहीं जांच में यह बात समाने आई है कि दोषी पाए अधिकारियों-कर्मचारियों ने घोटाले से अकूत संपत्ति अर्जित की है। उनके न केवल करोड़ों के मकान बन रहे हैं, बल्कि लाखों की गाड़ि‍यां भी घर पर खड़ी हैं।

loksabha election banner

काशीपुर डिवीजन में बिजली लाइन शिफ्टिंग के नाम पर अनियमितताओं की शिकायत यूपीसीएल के अधिकारियों से की गई थी। लेकिन, इस पर यूपीसीएल के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी। जिसके बाद आरटीआइ कार्यकर्ता रवि शंकर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजकर शिकायत की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मामले का संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया था।

जिसके बाद शासन हरकत में आया और ऊर्जा निगम को जांच के आदेश दिए। जांच ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता काशीपुर राजकुमार को सौंपी गई। जांच रिपोर्ट में अधीक्षण अभियंता ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच में उन्होंने पाया है कि बिल्डरों के साथ मिलकर दोषी अधिकारियों ने यूपीसीएल को करोड़ों रुपये की चपत लगाकर अकूत संपत्ति अर्जित की।

जांच रिपोर्ट में दोषी ठहराए गए अवर अभियंता राजेश सिंह बिष्ट के पास दो बीघा भूमि के साथ ही दो करोड़ रुपये से अधिक लागत से भवन बनाने और लाखों रुपये की गाड़ी होना पाया गया। उन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने 7.30 लाख की बिजली अवैध रूप से प्रयोग की और खरीदे गए प्लाट के ऊपर गुजर रही 33 केवी लाइन को नियमविरुद्ध शिफ्ट किया। जबकि मामले में दोषी दीपक कर्नाटक टीजी-द्वितीय के पास भी काशीपुर की सबसे महंगी कॉलोनी में लाखों का मकान होना पाया गया। इसके साथ ही अधिशासी अभियंता के पद पर रहे विवेक कांडपाल के पास भी सबसे मंहगी कॉलोनी में करीब 80 लाख का आवास होना पाया गया। 

काशीपुर खंड में तैनात विजय कुमार सकारिया के पास दो करोड़ की संपत्ति, तरुण कुमार पूर्व अधिशासी अभियंता के पास भी दो करोड़ और उपखंड अधिकारी सुनील कुमार के पास भी लाखों की संपत्ति का होना पाया गया। जांच अधिकारी ने विवेक कांडपाल अधिशासी अभियंता, विजय कुमार सकारिया अधिशासी अभियंता, काशीपुर, तरुण कुमार अधीक्षण अभियंता पिथौरागढ, सुनील कुमार वर्तमान उपखंड अधिकारी नगरीय काशीपुर, राजेश सिंह बिष्ट अवर अभियंता काशीपुर, चंद्रमोहन पाठक तकनीकी सहायक, दीपक कर्नाटन एसएसओ काशीपुर व रंजीत विद्युत सेल को निलंबित करने की संस्तुति की है। हालांकि, इस मामले में ऊर्जा निगम कार्रवाई से बच रहा है। प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने कहा कि जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जा रहा है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटालाः राजस्व और समाज कल्याण विभाग के बीच उलझी एसआइटी

यह भी पढ़ें: गांधी पार्क के घोटाले की फाइल बगैर जांच दफन, जानिए पूरा मामला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.